भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपियों ने जेल में मांगी किताबें-अखबार

Bhima-Koregaon violence case accused asked for books in newspapers
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपियों ने जेल में मांगी किताबें-अखबार
भीमा-कोरेगांव हिंसा मामले के आरोपियों ने जेल में मांगी किताबें-अखबार

डिजिटल डेस्क, मुंबई।  भीमा-कोरेगांव एल्गार परिषद मामले में आरोपी सुधा भारद्वाज, हनी बाबू व गौतम नवलखा ने जेल में किताबें व अखबार उपलब्ध कराने की मांग को लेकर राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) की विशेष अदालत में आवेदन दायर किया है। कोर्ट ने जेल अधिकारियों से इस बारे में जवाब मांगा है। नवलखा व हनी बाबू को तलोजा जेल में रखा गया है जबकि भारद्वाज को मुंबई के भायखला जेल में है।  अधिवक्ता युग चौधरी  के माध्यम से दायर किए गए आवेदन में आरोपियों ने कहा है कि जब वकीलों ने हमे किताबे देने की कोशिश की तो जेल अधिकारियों ने वकीलों को किताब देने के लिए अदालत से आदेश लाने को कहा है।

आरोपी नवलखा व हनी बाबू ने कहा है कि उनके परिवार के लोगों व मित्रों ने गत चार महीने में डाक के जरिए किताबे भेजी हैं। जिन्हें जेल प्रशासन के अधिकारियों ने वापस भेज दिया है। दोनों आरोपियों ने कहा है कि उन्हें 6 माह से अखबार की पहुंच से भी दूर रखा गया है। जेल की लाइब्रेरी में उनके पढ़ने के लिए पर्याप्त किताबे नहीं हैं। आरोपी भारद्वाज ने भी आवेदन में कहा कि उनके मित्रों द्वारा भेजी गई और वकीलों की ओर से लाई किताबों को जेल प्रशासन ने कई बार वापस भेज दिया है। 

हर महीने चाहिए पांच किताबेें
आवेदन में तीनों ने कहा है कि उन्हें हर माह जेल के बाहर से उनके मित्रों द्वारा भेजी जानेवाली पांच किताबे उपलब्ध कराई जाए। नियमानुसार जेल अधीक्षक को किताबे व अखबार पढ़ने से जुड़ी गतिविधियों की स्वयं अनुमति देनी चाहिए। 

Created On :   30 Dec 2020 6:46 PM IST

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