दीक्षाभूमि पर दिखा अनुशासित तरीके से बौद्ध अनुयायियों का भीम-सागर

Bhima-sagar of Buddhist followers in a disciplined manner at Deekshabhoomi
दीक्षाभूमि पर दिखा अनुशासित तरीके से बौद्ध अनुयायियों का भीम-सागर
नागपुर दीक्षाभूमि पर दिखा अनुशासित तरीके से बौद्ध अनुयायियों का भीम-सागर

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  65वेें धम्मचक्र प्रवर्तन दिवस के मौके पर  लाखों बौद्ध अनुयायियों ने अनुशासित तरीके से दीक्षाभूमि पर पहुंचकर तथागत बुद्ध व डॉ. बाबासाहब आंबेडकर को अभिवादन किया। कोविड नियमों का पालन करते हुए कतारबद्ध व देह की दूरी का पालन करते हुए बौद्ध व आंबेडकर अनुयायी दीक्षाभूमि पर पहुंचे। प्रवेश द्वार पर इनकी जांच कर इन्हें दीक्षाभूमि में जाने दिया गया। जिनके पास मास्क नहीं थे, उन्हें प्रवेश द्वार पर मास्क उपलब्ध कराया गया। परिसर में ही वैक्सीनेशन की भी व्यवस्था की गई। जिन्होंने वैक्सीन नहीं लगाई थी, उन्हें वैक्सीन लेने के लिए प्रेरित किया गया। यहीं किसी व्यक्ति में लक्षण दिखने पर उनकी कोविड जांच भी कराई गई।

इससे पहले सुबह 9 बजे भदंत आर्य नागार्जुन सुरेई ससाई की उपस्थिति में तथागत गौतम बुद्ध व डॉ. बाबासाहब आंबेडकर की प्रतिमा को माल्यार्पण कर मध्यवर्ती स्मारक में बाबासाहब की अस्थियों को पुष्प अर्पित कर बौद्ध विधि अनुसार त्रिशरण पंचशील, बौद्ध धम्म पदों का पठन कर अभिवादन किाय गया। इस अवसर पर भदंत नागदीपंकर, डॉ. बाबासाहब आंबेडकर दीक्षाभूमि स्मारक समिति के सचिव डॉ. सुधीर फुलझेले, सदस्य विलास गजघाटे, आनंद फुलझेले, नामदेव सुटे, डॉ, चंद्रशेखर मेश्राम, डॉ. प्रदीप आगलावे, प्राचार्य भुवनेश्वरी मेहेरे, डॉ. ए.पी. जोशी, समता सैनिक दल के कमांडर पृथ्वीराज मोटघरे आदि उपस्थित थे। इजराल के कोबी इझरा सोसानी, उनकी पत्नी येल दे पज सोसानी, केंद्रीय राज्यमंत्री रामदास आठवले, महापौर दयाशंकर तिवारी, लक्ष्मीनगर जोन की सभापति पल्लवी शामकुले ने भी अस्थियों का दर्शन कर पुष्प अर्पित िकए। फिलहाल कोविड के कारण इस साल दीक्षाभूमि पर धम्म दीक्षा समारोह का आयोजन नहीं किया। उत्तर नागपुर स्थित बेझनबाग मैदान पर धम्म दीक्षा समारोह लिया गया। भदंत सुरेई ससाई की अध्यक्षता में बौद्ध धम्म की दीक्षा दी गई।

कई लोगों ने बौद्ध धम्म की दीक्षा ग्रहण की। इस बार महाराष्ट्र के बाहर से अाने वाले अनुयायियों की संख्या कम रही, लेकिन विदर्भ और महाराष्ट्र के अन्य हिस्सों से आने वाले अनुयायियों की संख्या बड़े पैमाने पर रही। गुरुवार से ही इनका नागपुर में आना शुरु हो गया है। फिलहाल किसी को भी दीक्षाभूमि पर रुकने नहीं दिया जा रहा है। दर्शन कर उन्हें आगे बढ़ने कहा जा रहा है। दीक्षाभूमि में कोई व्यवस्था नहीं होने से इनकी शहर के अनेक बुद्ध विहारों में रहने की व्यवस्था की गई। दीक्षाभूमि पर भीड़ को जुटने नहीं दिया जा रहा है। इसलिए लोग आते-जाते दिख रहे है। परिसर को एक-दो किलो मीटर पहले ही बैरिकेटिंग कर लोगों की भीड़ को अनुशासित तरीके से छोड़ा जा रहा है। पिछले 65 साल में यह दूसरा मौका है, जब दीक्षाभूमि में किसी भी आयोजन की अनुमति नहीं दी गई। गत वर्ष दीक्षाभूमि पर कोई भी आयोजन नहीं हुआ था और न किसी को पऱ्वेश दिया गया था। इस बार लोगों के लिए दीक्षाभूमि तो खुली की गई, लेकिन कार्यक्रम के आयोजन को अनुमति नहीं दी गई।

वैक्सीन सर्टिफिकेट की नहीं हुई जांच
दीक्षाभूमि पर आने वाले इतने ज्यादा थे कि वैक्सीन के दो डोज लिए है या नहीं? इसकी जांच नहीं की गई। बिना सर्टिफिकेट देखे ही अनुयायियों को अंदर छोड़ा गया। हालांकि गुरुवार तक इसकी जांच की जा रही थी। लेकिन पैंथर संगठन के कार्यकर्ताओं द्वारा हंगामा और नारेबाजी करने पर वैक्सीन सर्टिफिकेट देखना बंद कर दिया गया।

 

 

Created On :   16 Oct 2021 3:26 PM GMT

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