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भोपाल गैंगरेप : हाईकोर्ट में एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश, 8 जनवरी को अगली सुनवाई

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। भोपाल में 31 अक्टूबर को UPSC की छात्रा से हुए गैंगरेप मामले पर जबलपुर हाईकोर्ट में एक्शन टेकन रिपोर्ट पेश कर दी गई है। मामले में अगली सुनवाई 8 जनवरी को होगी। गौरतलब है कि हाईकोर्ट की स्वतः संज्ञान वाली जनहित याचिका पर आज सुनवाई हुई। जिस पर राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता पुरुषेन्द्र कौरव ने पूरे मामले की स्टेटस रिपोर्ट हाईकोर्ट के सामने रखी।
महाधिवक्ता कौरव ने कोर्ट में बताया कि घटना के बाद से ही सरकार और प्रशासन ने बेहद संवेदनशीलता के साथ मामले पर कार्रवाई की है। घटना में दोषी पाए गए पुलिसकर्मियों के खिलाफ तत्काल कार्रवाई की गई. जिनमें 3 TI और दो SI को तत्काल सस्पेंड कर दिया गया। वही एक ASP को शोकाज नोटिस जारी किया गया है। इसके साथ ही पीड़िता की मेडिकल रिपोर्ट में हुई गड़बड़ी को लेकर दोषी डॉक्टर के खिलाफ सख्त कारवाई की गई है। इनमें से एक डॉक्टर को तो टर्मिनेट कर दिया गया है वही दूसरे डॉक्टर को सस्पेंड कर दिया गया है।
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सरकार ने डॉक्टरों की ओर से हुई लापरवाही पर स्पष्टीकरण पेश करते हुए बताया कि मेडिकल रिपोर्ट में हुई गड़बड़ी एक मानवीय भूल थी, लेकिन इस गलती पर भी डॉक्टर के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है। इसके साथ ही महाधिवक्ता ने अदालत को बताया कि सरकार ने इस घटना के बाद से ही महिलाओं की सुरक्षा के लिए और भी सख्त कदम उठाने शुरू कर दिए हैं।सरकार ने महिलाओं में जागरुकता लाने के लिए एक ऐप भी लॉन्च किया है जिसके जरिए किसी भी तरह की घटना होने पर इस ऐप के जरिए तत्काल पुलिस को जानकारी मिल सकती है। अपने अभियान के तहत सरकार ने अब तक 15 लाख से ज्यादा महिलाओं को जागरुक करने का काम भी कर चुकी है। हाईकोर्ट ने स्टेटस रिपोर्ट को लेते हुए सरकार को निर्देश दिए हैं। आने वाली सुनवाई पर इस पूरे मामले में कंप्लाइन रिपोर्ट अदालत में पेश करें। हाईकोर्ट ने मामले पर अगली सुनवाई 8 जनवरी को तय की गई है।
31 अक्टूबर को गैंगरेप का शिकार हुई छात्रा
गौरतलब है कि 31 अक्टूबर की शाम को करीब 7 बजे विदिशा में रहने वाली एक युवती भोपाल के एमपी नगर में UPSC की कोचिंग से वापस अपने घर जा रही थी। इसी दौरान हबीबगंज रेलवे स्टेशन के पास चार लोगों ने उसके साथ सामूहिक बलात्कार किया। युवती करीब 3 घंटे तक उनकी प्रताड़ना का शिकार हुई। युवती ने जाकर एमपी नगर और हबीबगंज थाने में रिपोर्ट कराना चाही, लेकिन घटना को काल्पनिक होने की बात कहकर दोनों थाने की पुलिस पल्ला झाड़ती रही। दोनों थाना पुलिस ने युवती को उसी हालत में एक से दूसरे थाने भटकने पर मजबूर किया। इसके बाद युवती ने अपने परिवारजनों की मदद से चार में से एक आरोपी को हबीबगंज थाने के पास से पकड़ा और फिर उसे पुलिस के हवाले किया। इसके बाद मामले की FIR 1 नवंबर को रेलवे पुलिस में दर्ज हुई। पूरा मामला दैनिक भास्कर में प्रकाशित होने के बाद चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता ने गैंगरेप का शिकार हुई युवती की पीड़ा को काफी संजीदगी से लेते हुए इस मामले की सुनवाई जनहित याचिका के रूप में करने के निर्देश दिए थे।
मामले पर विगत 13 नवंबर को हुई सुनवाई के बाद युगलपीठ ने भोपाल के जिला सत्र न्यायाधीश को निर्देशित किया कि इस मामले की सुनवाई उपयुक्त अदालत में हर रोज कराई जाए। साथ ही युगलपीठ ने महाधिवक्ता को कहा था कि एफआईआर न लिखने वाले अधिकारियों के खिलाफ की जाने वाली विभागीय कार्रवाई की रिपोर्ट दो सप्ताह के भीतर पेश की जाए।
Created On :   27 Nov 2017 12:41 PM IST