अब ई-ऑक्शन से होगी लकड़ी की ब्रिकी, 28 साल बाद सरकार ने बदला नियम

BHOPAL : Now the timber sale from the depot will be e-auctioned
अब ई-ऑक्शन से होगी लकड़ी की ब्रिकी, 28 साल बाद सरकार ने बदला नियम
अब ई-ऑक्शन से होगी लकड़ी की ब्रिकी, 28 साल बाद सरकार ने बदला नियम

डिजिटल डेस्क,भोपाल। मध्यप्रदेश के वन विभाग के अंतर्गत संचालित डिपो से राष्ट्रीयकृत एवं अराष्ट्रीयकृत ईमारती लकड़ियों का विक्रय अब ई-ऑक्शन के जरिए होगा। 28 साल बाद राज्य सरकार ने नीलामी की प्रणाली में बदलाव किया है। गौरतलब है कि वन डिपो से लकड़ियों के विक्रय के लिए 30 जून 1989 को अधिसूचना जारी कर राज्य सरकार ने सार्वजनिक नीलामी की व्यवस्था की थी, लेकिन इसके बाद  23 जून, 2017 को आदेश जारी कर हरदा उत्पादन वनमंडल के टिमरनी डिपो में सार्वजनिक नीलामी ई-ऑक्शन से करने की प्रायोगिक व्यवस्था की गई। हालांकि टिमरनी डिपो में ई-ऑक्शन की व्यवस्था नहीं हो पाई और अब राज्य सरकार ने वर्ष 1989 की अधिसूचना में संशोधन कर सभी वन डिपो में ई-ऑक्शन की व्यवस्था लागू कर दी।

नवीन प्रावधान के मुताबिक अब इलेक्ट्रॉनिक ऑक्शन में भाग लेने के लिए क्रेता को राज्य सरकार के पोर्टल ई प्रोक्योरमेंट पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। अगर क्रेता राष्ट्रीयकृत ईमारती लकड़ी का क्रय करना चाहता है तो उसे क्षेत्रीय वनमंडलाधिकारी से प्राप्त रजिस्ट्रेशन की प्रति पोर्टल पर अपलोड करना होगी। इलेक्ट्रॉनिक आक्शन में क्रेता को इलेक्ट्रॉनिक साइन करना होगा। साथ ही उसे अब धरोहर राशि एक हजार रुपए के स्थान पर 5 हजार रुपए जमा करना होगी। इलेक्ट्रॉनिक ऑक्शन में असफल बोली लगाने वाले क्रेता की बयान की धरोहर राशि अगले कार्य दिवस में इलेक्ट्रॉनिक रुप से वापस की जाएगी।आईटी सेल APCCF अनुराग श्रीवास्तव  का कहना है कि वन विभाग के डिपों से लकड़ियों का विक्रय अब ई-ऑक्शन के जरिए कर दिया गया है। पहले टिमरनी डिपो से इसकी शुरुआत होनी थी ,लेकिन ट्रेनिंग के अभाव में यह नहीं हो पाया। यह नई व्यवस्था एक-एक डिपो में बारी-बारी से शुरू की जाएगी। इसके लिए सॉफ्टवेयर तैयार हैं, बस आवश्यक ट्रेनिंग दिया जाना है।  

इन डिपो में लागू होगा ई-ऑक्शन 
उत्पादन वनमंडल खण्डवा, बैतूल, मंडला, सिवनी, डिण्डौरी, छिन्दवाड़ा, रायसेन, बालाघाट तथा देवास एवं कीर्ति नगर नई दिल्ली डिपो। सामान्य वनमंडल के अंतर्गत इंदौर, सिंगरौली, विदिशा, होशंगाबाद, पन्ना, सीधी, सीहोर, उत्तर शहडोल, उमरिया, दक्षिण शहडोल, दक्षिण सागर, दमोह, छतरपुर, जबलपुर, नरसिंहपुर तथा टीकमगढ़।

Created On :   10 Sept 2017 9:38 AM IST

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