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12 बोगियों में एकतरफा लोड थी सीमेंट, सायडिंग पर डीरेल के लिए बिड़ला प्रबंधन जिम्मेदार!

डिजिटल डेस्क सतना। बिड़ला की सायडिंग लाइन में मालगाड़ी की 2 बोगियां गिरने की असली वजह सामने आ चुकी है। डीरेल के कारणों की जांच के लिए जबलपुर रेल मंडल के डीआरएम डा.मनोज सिंह के निर्देश पर गठित 2 में से 1 जांच दल ने हादसे के लिए बिड़ला सीमेंट प्रबंधन की घोर लापरवाही को जिम्मेदार माना है। जांच टीम में शामिल रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि हादसे के बाद यहां यार्ड में खड़ी कराई गईं दुघर्टनाग्रस्त मालगाड़ी की 12 बीसीएन बोगियां में से हर बोगी में एक तरफा यानि एक ओर 62 -62 टन सीमेंट लोड थी। सीमेंट के साथ बोगी का कुल लोड 85 टन था। रविवार को जांच टीम ने बिड़ला सीमेंट प्रबंधन के तकनीकी अफसरों की मौजूदगी में जब इन मालगाडिय़ों की सील तोडकऱ जांच शुरु की तो ये सच खुदबखुद सामने आ गया। रेल प्रबंधन ने इस लापरवाही को गंभीरता से लिया है। माना जा रहा है कि अगर बोगियों में सीमेंट की लोडिंग नियमों के तहत समान रुप से की गई होती तो ये नौबत नहीं आती। डीरेल के बाद शटिंग के जरिए फैक्ट्री के यार्ड को भेजी गईं 28 अन्य बोगियों की जांच अभी बाकी है। इस बीच आरोप हैं कि सच सामने आने के बाद फैक्ट्री के यार्ड में खड़ी बोगियों में सीमेंट की अल्टा-पल्टी भी शुरु कर दी गई है।
2 बैगन का फिजिकल टेस्ट
रेल सूत्रों ने बताया कि हादसे के दौरान ट्रैक छोडकऱ गिरीं 2 बीसीएन बैगन की फिजिकल टेस्टिंग आरओएच डिपो में रेलवे की टेक्निकल टीम करेगी। गौरतलब है,बिड़ला की सायडिंग लाइन पर 9 फरवरी की रात तकरीबन सवा 7 बजे सीमेंट लोड कर स्टेशन की ओर आ रही 42 बीसीएन बैगन की मालगाड़ी की इंजन से 13 वें और 14 वें नंबर पर लगी 2 बोगियां उस वक्त ट्रैक से नीचे उतर गई थीं जब मालगाड़ी 9 किलोमीटर प्रतिघंटा की स्पीड से मुंबई-हावड़ा मेन ट्रैक और सतना-रीवा प्रमुख रेल लाइन से गुजर रही थी। डीरेल के फौरन बाद जहां 12 बोगियां स्टेशन के यार्ड में लाई गईं,वहीं 28 अन्य फैक्ट्री के यार्ड में खड़ी करा दी गई थीं। जबकि अगले दिन दुर्घटनाग्रस्त दोनों बोगियां फिजिकल टेस्ट के लिए आरओएच डिपो में लाकर खड़ी कराई गईं।
भरनी पड़ेगी भारी क्षति
बिड़ला की सायडिंग लाइन में डीरेल से रेलवे को भारी क्षति किसी से छिपी नहीं है। सतना- रीवा रेल लाइन पर जहां 80 मीटर तक ट्रैक पूरी तरह से क्षतिग्रस्त हो वहीं मुंबई-हावड़ा रेल मार्ग का अप ट्रैक भी 50 मीटर तक तबाह हो गया था। इसी वजह से मुंबई-हावड़ा के अप ट्रैक पर जहां 6 घंटे से भी ज्यादा समय तक रेल यातायात ठप्प रहा,वहीं सतना-रीवा रेल लाइन भी 12 घंटे ठप्प रहा। रेल प्रशासन ने बिड़ला प्रबंधन से लाखों की क्षतिपूर्ति की भरपाई के लिए आकलन का काम पूरा कर लिया है।
Created On :   12 Feb 2018 2:02 PM IST