चोरी के मुरुम से बन रही बड़ी-बड़ी इमारतें, राजस्व विभाग मौन

Big buildings being built due to theft, revenue department silent
चोरी के मुरुम से बन रही बड़ी-बड़ी इमारतें, राजस्व विभाग मौन
करोड़ों का लग रहा चूना चोरी के मुरुम से बन रही बड़ी-बड़ी इमारतें, राजस्व विभाग मौन

डिजिटल डेस्क, (हिंगना ) नागपुर। बुटीबोरी एमआईडीसी में 10 से अधिक कंपनियों में निर्माण कार्य चल रहा है, जिसमेंं चोरी के मुरुम का उपयोग किए जाने का आरोप लगाया जा रहा है। इन कंपनियों में मौजा मड़वा, घोड़ेघाट, किन्हाला और समृद्धि की खदानों से मुरुम चोरी कर लाया गया है। जिन कंपनियों में निर्माण कार्य जारी है उनमें महाराष्ट्र इंवायरमेंट पावर लिमिटेड (एसएमएस), गोयल कंपनी, प्लास्टो कंपनी, प्रेमचंद इंफ्रास्टकचर, सैनी इलेक्ट्रिकल एंड इंजीनियरिंग, एयर लिक्विड और कोकाकोला के समीप की दो कंपनियां हैं। इन कंपनियों में दिखावे के लिए कुछ मुरुम हेतु राॅयल्टी का इस्तेमाल हुआ है। अधिकांश मुरुम बगैर रॉयल्टी की ही लिए जाने की चर्चा है। बावजूद इसके राजस्व विभाग द्वारा किसी तरह की कार्रवाई नहीं की गई, जिसके कारण सरकार को करोड़ों रुपए का राजस्व का नुकसान हुआ है।

माफियाओं की करतूत
बुटीबोरी एमआईडीसी में निर्माण कार्य करने वाली कंपनियों में रॉयल्टी के नाम पर चोरी का मुरुम डालने वाले मुरुम माफिया कुछ प्रतिशत दिखावे के लिए रॉयल्टी का उपयोग करते हैं। माफिया अधिकतर दिन या रात में निजी, सरकारी पहाड़ी जमीन पर पोकलेन, जेसीबी द्वारा उत्खनन कर मुरुम चोरी करते हैं।

कंपनियों में डाली लाखों ब्रास मुरुम  
एमआईडीसी स्थित अनेक कंपनियों में जारी निर्माण कार्य में लाखों ब्रास मुरुम का उपयोग हुआ है, जो अधिकतर चोरी की है। एक 10 हजार फीट के प्लाॅट में एक हजार गाड़ी मुरुम का इस्तेमाल होता है। एक गाड़ी में 5 से 6 ब्रास मुरुम आती है यानी 5 हजार ब्रास से अधिक मुरुम एक छोटी कंपनी में लगती है। गोयल और एमईपीएल जैसी बड़ी कंपनी में लाखों ब्रास मुरुम का उपयोग किए जाने की चर्चा है। 

जगह की जानकारी ले रहे हैं
एक कंपनी की शिकायत मिली है। तहसीलदार से रिपोर्ट मंगवाई है। मुरुम चोरी की जगह की जानकारी ली जा रही है। जांच कर कार्रवाई की जाएगी। -गजानन कामडे, जिला खनिकर्म अधिकारी, नागपुर

तहसीलदार का बात करने से इनकार
हिंगना तहसील की प्रभारी तहसीलदार ज्योति भोसले ने मुरुम की खबरों को लेकर कोई भी बात करने से इनकार किया। बुधवार को फोन पर कहा की ऑफिस में आकर बात कीजिए। गुरुवार को ऑफिस जाने पर काम में व्यस्त होने का बहाना करती रही, जिससे यह साफ होता है कि मुरुम माफियाओं के खिलाफ समाचार लिखने से नाराज है। 

बुटीबोरी एमआईडीसी की शुरुआत में ही कमर्शियल जोन से सटे बैंक के पास प्लास्टो कंपनी का निर्माण कार्य शुरू है। ठेकेदार संजय संघी द्वारा चोरी का मुरुम डाले जाने की शिकायत बुटीबोरी के शिवसेना नेता ने की है। शिकायत करीब एक महीने पहले जिला खनिकर्म अधिकारी और तहसीलदार से की गई थी, लेकिन अभी तक कोई कार्रवाई नहीं की गई है। यहां पर दिखावे के लिए कुछ रॉयल्टी की मुरुम लाई गई है और बड़ी संख्या में चोरी के मुरुम का इस्तेमाल होने की जानकारी मिली है। इस मामले में प्लास्टो कंपनी का पक्ष जानने के लिए कंपनी के मालिक से संपर्क करने की कोशिश की, लेकिन कुछ भी प्रतिसाद नहीं मिला।

बुटीबोरी एमआईडीसी फेस-2 में महाराष्ट्र एन्वायरमेंट पावर लिमिटेड (एसएमएस) कंपनी में एमआईडीसी की अन्य कंपनियों का खराब माल, कचरा डिस्पोज किया जाता है। इस कंपनी के पिछले हिस्से में नया निर्माण कार्य चल रहा है, जहां बड़े पैमाने पर मुरुम का उपयोग किया जा रहा है। ठेकेदार प्रकाश और प्रमोद रेवतकर द्वारा मुरुम डाली जा रही है। रेवतकर ने हिंगना तहसील कार्यालय से मौजा मड़वा महार के खसरा नंबर 39 क, 47 और 79 में मुरुम उत्खनन की अनुमति ली है, लेकिन आरोप है कि अनुमति से अधिक मुरुम उत्खनन कर कंपनी में डाली जा रही है।

बगैर रॉयल्टी नहीं लेते मुरुम
हमारे यहां जो भी मुरुम आ रहा है, वह पूरा रॉयल्टी पर ही है। हम बगैर रॉयल्टी मुरुम नहीं लेते। अब तक करीब 1 करोड़ रुपए के आसपास रॉयल्टी जमा हो गई है। -प्रशांत मस्के, यूनिट प्रमुख, महाराष्ट्र एन्वायरमेंट पावर लिमिटेड, बुटीबोरी

बूटीबोरी एमआईडीसी फेस-2 के जे 10 में सैनी इलेक्ट्रिकल एंड इंजीनियरिंग कंपनी है, जहां रेलवे के इंजन के पार्ट बनाए जाते हैं। इस कंपनी में निर्माण कार्य शुरू है, जिसमें मुरुम का इस्तेमाल किया गया है। यह मुरुम दिगंबर द्वारा डाली गई है। 

न्यू बुटीबोरी एमआईडीसी बोरखेड़ी में गोयल कंपनी का निर्माण कार्य शुरू है। यह कंपनी कोटा राजस्थान के एक बड़े उद्योगपति की है, जहां हजारों गाड़ी मुरुम का उपयोग हुआ है। लाखों ब्रास मुरुम का इस्तेमाल किया गया है, जो कुछ रॉयल्टी का और अधिकतर चोरी का मुरुम होने की जानकारी सूत्रों से मिली है। यहां पर मुरुम माफिया देवनाथ द्वारा मुरुम डाली गई है। 

बुटीबोरी एमआईडीसी फेस-2 में प्रेमचंद इन्फ्रास्ट्रक्चर है, जो अभी शुरू नहीं हुई है। इस छोटी कंपनी में एक वर्ष पहले 2 हजार से अधिक गाड़ी मुरुम डाली गई है, जो बगैर रॉयल्टी के होने की जानकारी सूत्रों से मिली है।

हमारे पास पेपर है
हमने चोरी का मुरुम नहीं लिया है। जो भी मुरुम आया है, उसके हमारे पास पेपर है।-करण सिंह, प्लांट इंचार्ज, गोयल कंपनी, न्यू बुटीबोरी एमआईडीसी 

सब नियम से है
हमारी कंपनी में बाहर से मुरुम लाने की जरूरत नहीं पड़ी, क्योंकि जमीन से नीचे जाकर शेड का काम किया है। रास्ते बनाने के लिए कुछ मुरुम अनुमति लेकर लाई गई है।  -चरणप्रीत सिंह, प्लांट इंचार्ज, सैनी इलेक्ट्रिकल एंड इंजीनियरिंग कंपनी बुटीबोरी
 

Created On :   3 Dec 2021 6:16 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story