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आम आदमी से कैसे खास बने सीएम शिवराज ?

डिजिटल डेस्क, भोपाल । सोमवार को मध्यप्रदेश के सीएम शिवराज सिंह चौहान 58 साल के हो गए हैं और सीएम का 59वां जन्मदिन बीजेपी "किसान सेवा दिवस" के रूप में मना रही है। सीएम शिवराज खुद एक किसान परिवार से आते हैं और वो आम आदमी के साथ एक किसान के संघर्षपूर्ण जीवन को बखूबी समझते हैं। हाल ही में मध्यप्रदेश के बजट में किसानों के लिए सौगातों का पिटारा भी खोला गया। साथ ही किसानों के लिए कई योजनाएं चलाई जा रही हैं। शायद यही कारण है कि बीजेपी ने सीएम शिवराज के जन्मदिन को किसानों को समर्पित करने का निर्णय लिया है।
पार्टी ने कहा कि "हम 5 मार्च को राज्य के किसान सेवा दिवस के रूप में सीएम के जन्मदिन मना रहे हैं। किसानों को कल्याणकारी योजनाओं से अवगत कराने के लिए किसान सम्मेलनों, समूह बैठकें और ब्लॉक-स्तर सेमिनार आयोजित किए जाएंगे और उनकी आय को दोगुना करने की योजना है"। सीएम शिवराज के सादगी भरे अंदाज से हर कोई परिचित है। खुद को जमीन पर रखते हुए जो योजनाएं उन्होंने प्रदेश में लागू की उसने कईयों के जीवन को नई राह दी।
मध्य प्रदेश के जनप्रिय नेता मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान जी का जन्म दिवस 5 मार्च को सेवा दिवस के रूप में मनाया जाएगा। @BJP4MP परिवार मुख्यमंत्री जी के जन्म दिवस पर उन्हें दीर्घायु और सदा स्वस्थ रहने की कामना करता है। pic.twitter.com/cp4qbYE7oE
— BJP MadhyaPradesh (@BJP4MP) March 4, 2018
फ्लैगशिप योजनाओं ने जीता जनता का दिल
शिवराज के इस कार्यकाल में प्रदेश के विकास का ही नतीजा है कि आज सरकार की पहुंच जन-जन तक है। उनका 14 साल से ज्यादा का कार्यकाल भले की कई उतार-चढ़ाव से भरा रहा हो, लेकिन अपने प्रभावी व्यक्तित्व, दूरदर्शिता और दृढ़ता से शिवराज सब कुछ सुगम करते चले गए।
देश की राजनीतिक बिरादरी में शिवराज राजनीति का मॉडरेट चेहरा हैं। वो न तो पेशेवर नेता हैं और न मजबूरी से राजनीति में आए हैं। वे तो अपनी जनसेवा की प्रतिबद्धता के कारण ही देश में विकास का पोस्टर ब्वॉय बने हुए हैं। अपनी जिद, जुनून और जज्बे से वे प्रभावी राजनेता, कुशल संघटक, संवेदनशील नेतृत्व, सक्षम प्रशासक, संगठन के सपूत, सहृदय व्यक्ति के तौर पर मप्र को संवार रहे हैं।
सहजता, उपलब्धता और सादगी जो जनता आमतौर पर मुख्यमंत्री में नहीं देखती। शिवराज ने इसे ही अपनी ताकत बनाया और सामाजिक कल्याण की खास योजनाओं के शिल्पकार के तौर पर अपनी छवि गढ़ी। 208 में जहां लाडली लक्ष्मी जैसी योजना ने उनकी सत्ता में वापसी करवाई। वहीं 2013 में किसानों के लिए शून्य प्रतिशत ब्याज, तीर्थ दर्शन, कन्यादान, स्वरोजगार और युवा उद्यमी जैसी फ्लैगशिप योजनाओं ने जनता के दिलों तक गहरी दस्तक दी। अब 2018 के चुनाव में जाने से पहले फिर शिवराज अपने खास अंदाज में जनता के बीच हैं। नर्मदा सेवा यात्रा के जरिए वो लोगों के बीच पहुंच रहे हैं और मां नर्मदा के संरक्षण की ये यात्रा जनआंदोलन की शक्ल ले चुकी है।
नमामि देवी नर्मदे सेवा यात्रा ने छवि को किया मजबूत
शिवराज की आम आदमी वाली छवि और सबको साथ लेकर चलने की सोच उनकी लोकप्रियता की सबसे बड़ी वजह है। नमामि देवी नर्मेदे सेवा यात्रा उनके विजन की बानगी को दिखाती है। उनकी सामाजिक छवि को और मजबूत किया है। 11 दिसंबर 2016 को नर्मदा सेवा यात्रा यात्रा का आगाज हुआ जिसकी अगुवाई की खुद मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने। नर्मदा की अब तक बहुत यात्राएं हो चुकी हैं, लेकिन वो अब तक नर्मदा के प्रति आस्था तक सीमित रहीं। ये पहला मौका है जब प्रदेश का मुखिया नर्मदा परिक्रमा कर रहा है और नर्मदा को बचाने के लिए लोगों को जागरूक कर रहा है।
प्रदेश के विकास के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, सामाजिक कार्यों को भी तवज्जो देते आए हैं। लाड़ली लक्ष्मी जैसी योजनाओं में बेटियों की फिक्र और तीर्थ दर्शन जैसी योजनाओं में बुजुर्गों की परवाह, मंदसौर में किसान आंदोलन के बीच उन्हें मनाने के लिए भूख हड़ताल करना। ये सब उन्हें किसी भी अन्य नेता से अलग बनाता है। शिवराज को एक राजनेता से ज्यादा जननेता के तौर पर और मजबूती से स्थापित करेगा।
प्रदेश के बीमारू टैग को हटाया
बीजेपी शासित दूसरे राज्यों के बाकी मुख्यमत्रियों के मुकाबले शिवराज सिंह चौहान लो प्रोफाइल सीएम के तौर पर गिने जाते हैं। लो प्रोफाइल इन मायनों में कि बीजेपी की अंदरुनी राजनीति में भी उन्हें जब जिस भूमिका में रखा गया, शिवराज कभी उससे बाहर नहीं आए। जब सत्ता की बागडोर संभाली तो विरासत में मिले प्रदेश से बीमारू का टेग हटाने से ज्यादा चुनौती थी खुद को कुशल प्रशासक और मुखिया साबित करने की और वो इसमें कितने कामयाब हुए ये उनके कैबीनेट के साथ बताते नहीं थकते।
आम आदमी से जुड़कर काम करने की प्रतिभा को पूरा प्रदेश पसंद करता है। पांव-पांव वाले भईया, तो कभी बच्चियों के मामा बन कर शिवराज ने पूरे प्रदेश की जनता का दिल जीत लिया। प्रदेश की बागडोर संभालने के बाद उन्होंने साबित कर दिया कि आम राजनेताओं से जुदा उनका विनम्र अंदाज कमजोरी नहीं बल्कि उनकी सबसे बड़ी ताकत है।
Created On :   5 March 2018 10:48 AM IST