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राज ठाकरे को साथ लाने की कोशिश में जुटी भाजपा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। साल 2019 के लोकसभा चुनाव में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का मुखर होकर विरोध करने वाले मनसे अध्यक्ष राज ठाकरे से अब भाजपा को कोई शिकायत नहीं रही। आगामी मुंबई महानगरपालिका चुनावों के मद्देनजर भाजपा उन्हें अपने साथ लाने की कोशिश कर रही है पर राज ठाकरे की परप्रांतिय विरोधी भूमिका इसमें आड़े आ रही। शुक्रवार को भाजपा प्रदेश अध्यक्ष चंद्रकांत पाटील राज ठाकरे से मिलने उनके आवास पर पहुंचे। मुलाकात के बाद पत्रकारों से बातचीत में पाटील ने राज ठाकरे की तारीफ करने में कसर नहीं छोड़ी। पाटील और राज ठाकरे के बीच लगभग 50 मिनट तक बैठक चली। बाद में पत्रकारों से बातचीत में पाटील ने कहा कि मैं अंहकारी नहीं हूं। इसलिए प्रदेश अध्यक्ष होने के बावजूद मैं राज से मिलने के लिए उनके घर पर आया। पाटील ने कहा कि मैंने राज से शिष्टाचार मुलाकात के दौरान राजनीतिक मुद्दों पर चर्चा जरूर की है लेकिन गठबंधन को लेकर कोई बातचीत नहीं हुई। पाटील ने भले ही यह दावा किया है लेकिन दोनों दलों की ओर से गठबंधन के स्पष्ट संकेत मिले हैं।
पाटील ने दावा करते हुए कहा कि राज से मिलने के बाद मुझे यकीन हो गया है कि वे परप्रांतियों के खिलाफ नहीं है। राज के मन में परप्रांतियों को लेकर घृणा, द्वेष और कटुता नहीं है। पाटील ने कहा कि राज की परप्रांतियों के प्रति भूमिका को लेकर लोगों में धारणा बन गई है तो वे परप्रांतियों के विरोध में हैं। इसलिए मैंने उनसे परप्रांतिय विरोधी धारण बदलने का आग्रह किया है। जब तक राज परप्रांतियों को लेकर अपनी भूमिका व्यापक नहीं करते तब तक हमारे लिए उनके साथ आना मुश्किल है।
पाटील ने कहा कि राज ने मुझे समझाया है कि वे परप्रांतियों के विरोध में नहीं हैं लेकिन उनको यह बात व्यवहार में भी लानी होगी। पाटील ने कहा कि राज ने मुझसे कहा कि ‘यदि मैं उत्तर प्रदेश में जाऊंगा तो भी यही कहूंगा कि 80 प्रतिशत नौकरियां स्थानीय लोगों को मिलना चाहिए। यही बात मैं महाराष्ट्र में कहता हूं।’ इस पर मैंने उनसे कहा कि आपकी इस भूमिका से परप्रांतियों के बारे में घृणा, द्वेष और कटुता का भाव नजर आता है। जिस पर राज ने कहा कि ‘मेरे मन में परप्रांतियों को लेकर ऐसी भावना नहीं है।’ पाटील ने कहा कि राज ने मुझसे कहा कि परप्रांतियों को लेकर मेरे मन में पाप नहीं है। इस पर मैंने उनसे कहा कि यह आपको दिखाना पड़ेगा।
परप्रांतियों को लेकर अपनी भूमिका साफ करेंगे राज ठाकरे
मनसे के पूर्व विधायक बाला नांदगावकर ने परप्रांतियों को लेकर राज की भूमिका बदलने के संकेत दिए हैं। उन्होंने कहा कि राज परप्रांतियों के बारे में अपनी भूमिका एक बार फिर से स्पष्ट करेंगे। नांदगावकर ने सवाल किया कि राज ने साल 2018 में उत्तर भारतीयों के मंच पर हिंदी में परप्रांतियों को लेकर अपनी भूमिका स्पष्ट की थी। इसके बाद कुछ घटनाएं घटी हैं क्या? नांदगावकर ने कहा कि हम बैठक को सकारात्मक नजरिए से देख रहे हैं। हम लोग नकारात्मक विचार ही नहीं रखते। राजनीतिक में कुछ भी हो सकता है। पाटील आते समय खुश थे और जाते समय खुश थे।
उन्होंने बैठक के बाद निकलते समय मेरे कान में कुछ कहा लेकिन मैं वह बता नहीं सका। नांदगावकर ने कहा कि मनसे की भूमिका को लेकर जनता में नहीं बल्कि मीडिया को गलतफहमी है। नांदगावकर ने कहा कि यदि भाजपा से तालमेल हुआ तो खुलकर गठबंधन होगा। छिपकर गठबंधन क्या करना? यदि दोनों दल भविष्य में एक साथ आने की कोशिश कर रहे हैं तो यह खुशी की बात है। नांदगावकर ने कहा कि राज और पाटील की बैठक से बातचीत आरंभ हुई है। आने वाले दिनों में इसके नतीजे भी सामने आ जाएंगे। उन्होंने कहा कि नांदगावकर ने कहा कि राज के खून में हिंदुत्व हैं। हम हिंदुत्व को लेकर आगे चल रहे हैं।
दोनों मिल कर आजमा लें अपनी ताकतः राऊत
दूसरी ओर पाटील और राज के बीच मुलाकात पर शिवसेना सांसद संजय राऊत ने कहा कि दोनों दलों को साथ आकर अपनी ताकत को आजमाना चाहिए। इस पर पाटील ने कहा कि राऊत मुंबई मनपा के आगामी चुनाव में एक सुरक्षित सीट पर चुनाव लड़कर दिखाएं।
Created On :   6 Aug 2021 6:02 PM IST