पश्चिम विदर्भ में कम मतों के अंतर से जीती थी सीटें, चुनौती दूर करने की कवायद में जुटी भाजपा

BJP trying to overcome the party weakness in the west vidarbha
पश्चिम विदर्भ में कम मतों के अंतर से जीती थी सीटें, चुनौती दूर करने की कवायद में जुटी भाजपा
पश्चिम विदर्भ में कम मतों के अंतर से जीती थी सीटें, चुनौती दूर करने की कवायद में जुटी भाजपा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। लोकसभा चुनाव की तैयारी कर रही भाजपा को विदर्भ में अपनी जमीन काफी मजबूत लग रही है। शिवसेना का विदर्भ में अधिक प्रभाव नहीं माना जाता है। लिहाजा,यह भी कहा जा सकता है कि शिवसेना से गठबंधन को भाजपा विदर्भ में अधिक फायदेमंद नहीं मानेगी, लेकिन संगठन के जानकार के अनुसार 2014 के चुनाव में शिवसेना के साथ बात नहीं बनने पर कुछ स्थानों पर भाजपा को झटका लगा था। इस बार वह उस कमी को पूरा करने का प्रयास करेगी। चुनाव लिहाज से सारी चुनौतियों को दूर करने की कवायद में भाजपा जुटी है। फरवरी 2014 में लोकसभा के लिए हुए मतदान में भाजपा व शिवसेना साथ साथ थी। विदर्भ की 10 सीटों में से भाजपा ने 6 व शिवसेना ने 4 सीट जीती थी। चुनाव परिणाम दोनों के लिए शत प्रतिशत अंक वाला था। 8 माह बाद विधानसभा चुनाव हुए तो दोनों दल अलग अलग हो गए।

विधानसभा की 62 सीटों में से 44 सीटें भाजपा ने जीत ली। शिवसेना ने भी सभी सीटों पर चुनाव लड़ा पर केवल 4 सीट ही जीत पायी। उस चुनाव में भाजपा को सबसे अधिक नुकसान उन सीटों पर ही हुआ था, जहां शिवसेना चुनाव जीतती या जीतने की स्थिति में रही है। भाजपा ने 5000 से कम मतों के अंतर से देवली, धामनगांव रेल्वे, वरोरा व आर्वी सीट खोयी थी। 5000 से कम मतों के अंतर से राज्य में जीती गई सीटें भी विदर्भ से ही अधिक थी। यवतमाल, राजुरा, मेलघाट, अकोला, कारंजा, वाशिम, जलगांव जामोद सीट पर भाजपा को सबसे अधिक चुनौती का सामना करना पड़ा था।

हालांकि शिवसेना के साथ नहीं रहने से भाजपा को कुछ सीटों पर सीधा लाभ भी मिला था। 2009 में विधानसभा की जिन सीटों पर भाजपा पराजित हुई थी उन्हें 2014 में उसने जीत ली। जीती गई उन सीटों में खामगांव, अमरावती, मेलघाट, मोर्शी, उत्तर नागपुर, तुमसर, आमगांव, गडचिरोली, अहेरी, चिमूर, रालेगांव, यवतमाल, आर्णी, उमरखेड,  अकोला पूर्व, कारंजा, वर्धा, काटोल, वणी, दक्षिण नागपुर, आरमोरी, राजुरा शामिल है।

और यह भी
भाजपा के साथ गठबंधन में शामिल रही आरपीआई ए का प्रदर्शन काफी कमजोर रहा। 2014 के विधानसभा चुनाव में उसने विदर्भ में केवल एक सीट पर चुनाव लड़ा था। केवल 441 मत पाए थे। भाजपा ने सर्वाधिक 35.28 प्रतिशत मत पाए थे। 22.23 प्रतिशत मतों के साथ कांग्रेस दूसरे स्थान पर रही। 12.30 प्रतिशत मत पाकर शिवसेना ने राकांपा को पछाड़ दिया था। राकांपा को 9.76 प्रतिशत मत मिले थे। बसपा ने 60 सीटों पर लड़कर 6.19 प्रतिशत मत पाए थे।

 

Created On :   21 Feb 2019 10:56 PM IST

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