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औरंगाबाद दुष्कर्म मामले की महिला आयोग से शिकायत करेगी भाजपा

डिजिटल डेस्क, मुंबई। प्रदेश भाजपा उपाध्यक्ष चित्रा वाघ ने औरंगाबाद बलात्कार मामले के आरोपी व राष्ट्रवादी युवक कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष महबूब शेख को गिरफ्तार करने की मांग की है। प्रदेश भाजपा कार्यालय में पत्रकारों से बातचीत में चित्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे और राज्य के गृह मंत्री अनिल देशमुख बताएं कि शेख की गिरफ्तारी होगी या नहीं। चित्रा ने कहा कि हम लोग इस मामले की शिकायत राष्ट्रीय महिला आयोग और राज्य पुलिस महानिदेशक से करेंगी।
औरंगाबाद के पुलिस उपायुक्त दीपक गिरे ने बयान दिया है कि अभी तक आरोपी के खिलाफ कोई ठोस सबूत नहीं मिले हैं। गिरे का बयान पीड़िता और उसके परिवार पर दबाव डालने वाला है। इसलिए गिरे को तत्काल बर्खास्त करना चाहिए। चित्रा ने कहा कि औरंगाबाद के मामले में विधान परिषद की उपसभापति नीलम गोर्हे ने भी आरोपी के खिलाफ कार्रवाई की मांग की है। उन्होंने आशंका जताई है कि इस मामले में पुलिस बी समरी रिपोर्ट फाइल कर जांच बंद कर देगी। चित्रा ने कहा कि राज्य में महिलाओं से अत्याचार के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। लेकिन ऐसा लग रहा है कि आरोपियों को सरकार से अभय मिला हुआ है। क्योंकि आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने से सरकार बच रही है।
अपने मंत्रियों से भी नहीं मिलते सीएम, हमसे कहां मिलेंगे
महिला अत्याचार के मामलों को मुख्यमंत्री के सामने उठाने के सवाल पर चित्रा ने कहा कि मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों से नहीं मिलते हैं तो मुझसे कहां मिलेंगे? लेकिन हम मुख्यमंत्री को ईमेल और सोशल मीडिया के जरिए अपनी मांगों को रखते हैं।
पीड़ित महिला का बहिष्कार करने वालों की हो जांचः गोर्हे
विधान परिषद की उप सभापति नीलम गोर्हे ने राज्य के गृहमंत्री अनिल देशमुख और ग्रामीण विकास मंत्री हसन मुशरिफ को पत्र लिखकर बीड जिले में बलात्कार की शिकायत करने वाली महिला का तीन ग्राम पंचायतों द्वारा ‘‘बहिष्कार’’ किए जाने के मामले पर गौर करने को कहा है। देशमुख व मुशरिफ को तीन जनवरी को लिखे पत्र में गोरे ने कहा कि बीड में गेवराई तहसील की एक महिला के चार लोगों के खिलाफ बलात्कार की शिकायत करने के बाद पचेगांव, वसंत नगर तांडा और जयराम नाईक तांडा ग्राम पंचायतों ने उसके खिलाफ कार्रवाई की। इन गांवों के लोगों ने स्थानीय पुलिस अधीक्षक के पास जाकर, उसकी शिकायत को नजरअंदाज करने की मांग भी की। पत्र में, गोरे ने इन ग्राम पंचायतों में एक प्रशासक की नियुक्ति करने की और कानूनों का उल्लंघन कर महिला को बहिष्कृत किए जाने वाला एक प्रस्ताव पारित किए जाने वालों के खिलाफ कार्रवाई करने में जिले के अधिकारी कैसे विफल रहे, इसकी जांच भी करने की मांग की है। शिवसेना नेता ने पीड़ित महिला को सुरक्षा प्रदान किए जाने की मांग भी की।
Created On :   4 Jan 2021 7:54 PM IST