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स्थानीय निकाय के चुनावों में भाजपा ओबीसी को 27 प्रतिशत टिकट देगी - फडणवीस

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बिना ओबीसी आरक्षण के स्थानीय निकायों के चुनाव कराने के संबंध में सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद भाजपा और कांग्रेस के बीच ओबीसी समाज को आकर्षित करने की होड़ लग गई है। भाजपा ने प्रदेश में बिना ओबीसी आरक्षण के होने वाले आगामी स्थानीय निकायों के चुनाव में ओबीसी समाज को 27 प्रतिशत टिकट देने की घोषणा की है। इसके जवाब में कांग्रेस ने स्थानीय निकायों के चुनावों में 27 प्रतिशत से अधिक ओबीसी उम्मीदवार उतारने का ऐलान किया है। शनिवार को विधानसभा में विपक्ष के नेता देवेंद्र फडणवीस ने कहा कि बिना आरक्षण के राज्य में होने वाले स्थानीय निकायों के चुनाव में भाजपा ओबीसी समाज को 27 प्रतिशत टिकट देगी। फडणवीस ने कहा कि स्थानीय निकायों में ओबीसी आरक्षण लागू हो अथवा न हो। लेकिन भाजपा 27 प्रतिशत टिकट ओबीसी समाज को देगी।
शनिवार को दादर स्थित मुंबई भाजपा कार्यालय वसंत स्मृति में प्रदेश भाजपा के ओबीसी मोर्चा के पदाधिकारियों की बैठक हुई। इस बैठक फडणवीस ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट के आदेश के बाद अब राज्य में स्थानीय निकायों के चुनाव ओबीसी आरक्षण के बिना होंगे। लेकिन ओबीसी आरक्षण खत्म होने के लिए महाविकास आघाड़ी सरकार जिम्मेदार है। महाविकास आघाड़ी ने ओबीसी आरक्षण की हत्या कर दी है। फडणवीस ने कहा कि आरक्षण बहाली के लिए सुप्रीम कोर्ट ने ओबीसी का एम्पिरिकल डेटा मांगा है। लेकिन राज्य सरकार के कुछ मंत्री एम्पिरिकल डेटा न देने के लिए केंद्र सरकार पर सवाल खड़े कर रहे हैं। जबकि एम्पिरिकल डेटा जुटाने की जिम्मेदारी राज्य सरकार की है। फडणवीस ने कहा कि यदि सब कुछ केंद्र सरकार करेगी तो राज्य सरकार के मंत्री केवल वसूली का काम करेंगे क्या? फडणवीस ने कहा कि भाजपा के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं को सरकार के ओबीसी विरोधी चेहरे को गांव-गांव जाकर उजागर करना चाहिए। उन्होंने कहा कि हमें सरकार के खिलाफ संघर्ष करना होगा। भाजपा ओबीसी आरक्षण बहाली के लिए आखिरी दम तक लड़ाई लड़ेगी।
27 प्रतिशत से अधिक ओबीसी उम्मीदवार उतारेंगे- नाना पटोले
प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने कहा कि कांग्रेस स्थानीय निकाय चुनावों में ओबीसी को 27 प्रतिशत से अधिक उम्मीदवारों को उतारेगी। पटोले ने कहा कि ओबीसी समाज में नेतृत्व करने की क्षमता है। कांग्रेस ओबीसी समाज को चुनाव में अवसर देगी। पटोले ने कहा कि ओबीसी आरक्षण को लेकर भाजपा की सहानुभूति महज दिखावा है। उन्होंने कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री फडणवीस के कारण ही ओबीसी आरक्षण को ग्रहण लगा है। अब फडणवीस ओबीसी आरक्षण को लेकर घड़ियाली आंसू बहा रहे हैं। पटोले ने कहा कि भाजपा सरकार में मुख्यमंत्री पद पर रहते हुए फडणवीस ने संवैधानिक दुरुपयोग करके साल 2017 में नागपुर जिला परिषद का कार्यकाल खत्म होने के बावजूद जिला परिषद को 2 साल का अवधि विस्तार दिया था। जिसके बाद भंडारा जिला परिषद के तत्कालीन अध्यक्ष के अलावा दूसरे जिला परिषद अवधि विस्तार के लिए अदालत में गए थे। इसके बाद से ही अदालत में ओबीसी आरक्षण का मामला चल रहा है। पटोले ने कहा कि केंद्र सरकार ओबीसी का एम्पिरिकल डेटा उपलब्ध नहीं करा रही है। इसका परिणाम ओबीसी समाज भुगत रहा है। लेकिन कांग्रेस की भूमिका है कि ओबीसी आरक्षण बहाल होने के बाद ही स्थानीय निकाय के चुनाव कराए जाने चाहिए। पटोले ने कहा कि ओबीसी आरक्षण का मुद्दा केवल महाराष्ट्र नहीं बल्कि मध्यप्रदेश और कर्नाटक में भी सामने आया है। भाजपा के कारण ही ओबीसी आरक्षण पर प्रश्नचिन्ह खड़ा हो गया है।
Created On :   7 May 2022 7:18 PM IST