नागपुर में महामारी का रूप ले रहा ब्लैक फंगस, गंभीरता जरूरी

Black fungus is taking the form of epidemic in Nagpur, seriousness is necessary
नागपुर में महामारी का रूप ले रहा ब्लैक फंगस, गंभीरता जरूरी
नागपुर में महामारी का रूप ले रहा ब्लैक फंगस, गंभीरता जरूरी

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शहर में बढ़ते म्यूकर माइकोसिस पर गंभीरता दर्शाते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ ने जारी अपने आदेश में कहा है कि म्यूकर माइकोसिस अब एक महामारी का रूप ले चुका है, ऐसे में केंद्र और राज्य सरकारों को इसे महामारी मानकर चलते हुए उसी प्रकार की तैयारियां करनी चाहिए। 29 मई तक नागपुर में म्यूकर माइकोसिस के 1584 मरीज थे, जिसमें से 830 मरीजों की सर्जरी करनी पड़ी, 74 को आंख गंवानी पड़ी और 69 मरीजों की मृत्यु हो गई। ऐसे में म्यूकर माइकोसिस को महज एक फंगल इंफेक्शन मानना पर्याप्त नहीं है। इसे महामारी मान कर जरूरी प्रबंध करने होंगे। 

टास्क फोर्स अस्पतालों का निरीक्षण करे
हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार से जरूरी दवाओं का उत्पादन करने के आदेश दिए हैं, इसके लिए जरूरी कच्चे माल का आयात करने के लिए निजी कंपनियों को अंतरिम अनुमति देने पर भी फैसला लेने को कहा है। साथ ही राज्य सरकार को भी दवा निर्माता कंपनियों से संपर्क करके दवाओं का उत्पादन बढ़ाने का प्रयास करने के लिए कहा गया है। हाईकोर्ट में जानकारी दी गई कि नागपुर में कुछ व्यापारी कच्चा माल आयात करने के लिए तैयार हैं, केंद्र द्वारा लगाए गए निर्बंध यदि शिथिल हों, तो यह आयात किया हुआ माल दवा कंपनियों को उपलब्ध कराया जा सकता है। इस मामले में युनिज्यूलेस लाइफ साइंस लिमि. और मेसर्स एक्रो लाइफसाइंस प्रा.लि. ने इच्छा दर्शाई है। लेकिन ड्रग कंट्रोलर ने निजी कंपनियों को अनुमति देने के संबंध में फैसला नहीं लिया है। इस पर हाईकोर्ट ने ड्रग कंट्रोलर को अगली सुनवाई तक उत्तर प्रस्तुत करने के आदेश दिए हैं।

हाईकोर्ट ने विभागीय आयुक्त को आदेश दिए हैं कि कोरोना से निपटने के लिए बनाई गई टास्क फोर्स का कार्यक्षेत्र बढ़ाया जाए। म्यूकर माइकोसिस पर भी यह फोर्स काम करें। यह टास्क फोर्स अस्पतालों में जा कर वहां मौजूद सुविधाओं का भी निरीक्षण करे। इस संबंध में टास्क फोर्स को रिपोर्ट प्रस्तुत करने के आदेश दिए गए हैं।

एनटीपीसी ने की 3 करोड़ की मदद
मौदा स्थित एनटीपीसी प्रकल्प ने अपने सीएसआर फंड से जिला प्रशासन को 3 करोड़ रुपए जारी किए हैं। इससे एनकेपी साल्वे चिकित्सा महाविद्यालय और लता मंगेशकर अस्पताल में ऑक्सीजन प्लांट बनाया जाए। इसके अलावा राज्य सरकार मेडिकल विद्यार्थियों की छात्रवृत्ति के लिए कुल 2.5 करोड़ रुपए इन अस्पतालों को जारी करें। निधि प्राप्त होते ही इन चिकित्सा महाविद्यालयों को यह रकम जिला कोविड निधि में जमा कराने के आदेश जारी किए हैं।

नागपुर में 105 में से 84 मौत निजी अस्पताल में
उपराजधानी में कोरोना के बाद म्यूकर माइकोसिस बड़ी परेशानी बनकर सामने आ गया है। इससे अब तक जिले में 105 मौतें हो चुकी हैं, जो पूर्व विदर्भ के 6 जिलों में सबसे अधिक है। नागपुर संभाग के पांच जिलों में सिर्फ 7 मौतें हुई हैं। नागपुर में अधिकतम मौतें निजी अस्पताल में इलाज के दौरान हुई हैं। 105 में से 84 मौतें निजी अस्पताल और 21 मौतें सरकारी अस्पतालों में हुई हैं।

जिले में 1157 मरीज
आंकड़ों के अनुसार, अब तक नागपुर जिले में 1157 मरीज मिल चुके हैं। इनमें से 863 मरीजों की सर्जरी हो चुकी है और 550 डिस्चार्ज हो चुके हैं।

नागपुर संभाग में ऐसी है स्थिति
भंडारा जिले में 13 मरीज मिले, 4 की सर्जरी की गई। चंद्रपुर जिले में 74 मरीज पाए गए, 40 की हुई सर्जरी। 12 डिस्चार्ज, 1 की मौत। 
गड़चिरोली में कोई मरीज नहीं मिले।
गोंदिया में 38 मरीज मिले, 17 की सर्जरी हुई और 5 डिस्चार्ज किए गए। 4 की मौत। 
वर्धा में 86 मरीज मिल चुके हैं, जिसमेें से 21 डिस्चार्ज किए गए, 2 लोगों की मौत।  

Created On :   3 Jun 2021 10:01 AM IST

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