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संतरे के पेड़ों पर ब्लैक फंगस का प्रकोप, चिंता में किसान

डिजिटल डेस्क, अमरावती। इस वर्ष भीषण गर्मी का परिणाम संतरे के बगीचों पर भी होने लगा है। गर्मी के कारण संतरा उत्पादन घटने की संभावना से इनकार नहीं किया जा सकता। तापमान बढ़ने से संतरे के फल झड़कर गिरने लगे हैं। साथ ही संतरे के पेड़ों पर ब्लैक फंगस नामक रोग का प्रकोप होने से किसान चिंतित नजर आ रहे हैं। मोर्शी तहसील में संतरे के बगीचे पर बदलते मौसम का असर दिखाई देने लगा है। रोग का आक्रमण होने से संतरे के पेड़ के पत्ते पीले पड़ रहे हंै तथा पेड़ भी सूख रहे हैं। इन सभी पर उपाय योजना करने के बाद भी कोई उपयोग नहीं हो रहा। इसलिए संतरा उत्पादक किसान परेशान हो रहे हैं। किसानों के सामने संतरे के बगीचे को बचाने की चुनौती खड़ी है। कृषि विशेषज्ञों तथा कृषि विभाग में संतरा उत्पादक किसानों के बगीचों को सर्वेक्षण कर उन्हें उचित मार्गदर्शन करने की मांग की जा रही है।
मोर्शी तहसील संतरा उत्पादन के लिए प्रसिद्ध है। किंतु संतरा उत्पादक किसानों पर एक के बाद एक संकट आने से उनके माथे पर चिंता की लकीरें दिखाई दे रही है। इस वर्ष अप्रैल माह से ही गर्मी ने अपना असर दिखाना शुरू कर दिया। मई माह में भी तापमान 44 डिग्री के पार जाने से पेड़ पर लगे संतरे झड़ने लगे। मोर्शी तहसील के संतरा पेड़ों पर रोग का आक्रमण होने से भारी नुकसान होने की संभावना व्यक्त की जा रही है। इसलिए केंद्रीय नींबू वर्गीय फल अनुसंधान संस्था व क्षेत्रीय स्तर पर काम करनेवाले अधिकारियों तथा कृषि विशेषज्ञों द्वारा किसानों की समस्या जानकर उनका मार्गदर्शन करने की जरूरत है तथा विविध रोगों पर व संतरा फल झड़ने की समस्या पर कौन-से उपाय किए जा सकते हैं। इस बारे में किसानों का मार्गदर्शन किया जाए। साथ ही मार्गदर्शन केंद्र शुरू करने की मांग मोर्शी और वरुड के संतरा उत्पादक किसान कर रहे हैं।
Created On :   19 May 2022 1:51 PM IST