सरकारी अनाज की कालाबाजारी, मोबाइल के सीडीआर से खुलेंगे कई राज

Black marketing of government grain, mobile CDR will open many secrets
सरकारी अनाज की कालाबाजारी, मोबाइल के सीडीआर से खुलेंगे कई राज
सरकारी अनाज की कालाबाजारी, मोबाइल के सीडीआर से खुलेंगे कई राज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। संतरानगरी में राशन अनाज की कालाबाजारी करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है। सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पारडी और कलमना पुलिस गिरफ्तार आरोपियों के मोबाइल फोन का सीडीआर निकालने की तैयारी में है। सीडीआर निकलने पर कई राज उजागर होंगे। पुलिस ने इस बार राशन अनाज की कालाबाजारी को जड़ से खत्म करने का बीड़ा उठाया है। राशन अनाज की कालाबाजारी के तार आंध्र प्रदेश और छत्तीसगढ़ तक जुड़े होने की चर्चा है। यहां से निजी मालवाहक वाहनों में सरकारी अनाज की बोरियों के बजाय दूसरी बोरियों के अंदर राशन अनाज को भरकर भिजवाया जाता है। इस कार्य में संबंधित विभाग के अधिकारियों की भूमिका की भी जांच की जाएगी। 

उल्लेखनीय है कि गत दिनों राशन अनाज की कालाबाजारी के आरोप में पारडी थाना क्षेत्र से आरोपी दिनेश आकरे गरोबा मैदान, बंशी राऊत, चंद्रनगर, वैभव उर्फ अन्ना रेवतकर, वाठोड़ा ले-आउट और जागोजी ढोबले, क्वेटा काॅलोनी निवासी को गिरफ्तार किया गया। कलमना थाना क्षेत्र से पुलिस ने आरोपी खुशाल रमेशलाल वासवानी (21), सिंधु सोसाइटी, दयानंद पार्क के पास जरीपटका निवासी को गिरफ्तार किया है। पुलिस फरार आरोपी प्रदीप आकरे गरोबा मैदान, प्रतीश हाड़गे  कलमना बस्ती, प्रतिभा लॉन के मालिक तुषार खोब्रागड़े, हंसापुरी, तहसील और गोदाम मालिक चेतन मदान, कलमना  निवासी की तलाश शुरू कर दी है। इन आरोपियों की खोजबीन के लिए पुलिस उपायुक्त नीलोत्पल के मार्गदर्शन में अलग - अलग दस्ते तैयार किए गए हैं। यह दस्ते इन आरोपियों की खोजबीन के लिए शनिवार को कई जगह पर दबिश दी। राशन अनाज की कालाबाजारी के आरोप में गिरफ्तार आरोपियों से जुड़े हुए लोगों के मोबाइल फोन बंद आ रहे हैं, जिससे पुलिस को उनके बारे में जानकारी हासिल करने में परेशानी हो रही है। 

पंटरों की नहीं कर पाई थी तलाश 
राशन अनाज की कालाबाजारी की इसके पहले भी शहर पुलिस ने छापेमार कार्रवाई की थी। इस बार पुलिस को कई पंटरों के नाम मिले हैं। इन पंटरों की किस तरह की भूमिका होती है। पुलिस विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों का कहना है कि इस बार इन पंटरों की  खोजबीन की जाएगी।

ग्रीन कलर के वाहनों में ढुलाई 
सूत्रों के अनुसार राशन  अनाज की ढुलाई के लिए ग्रीन रंग का मालवाहक  जरुरी है। इस  रंग के वाहन को जिले  के बाहर  नहीं  जाने  दिया  जाएगा।  इस वाहन को देखकर शासकीय विभाग के अधिकारी-कर्मचारी समझ जाते हैं कि उसमें राशन अनाज लदा होगा। अनाज माफिया निजी वाहनों का उपयोग कर राशन अनाज को बाहर भेजते हैं। इसके लिए उन्हें कई जगह पर साठगांठ कर कार्य करना पड़ता है। निजी वाहनों में लदा राशन अनाज आसानी से गंतव्य स्थान तक पहुंचा दिया जाता है। इस बार पुलिस यह भी पता लगाने वाले हैं कि शहर में कितने ग्रीन वाहनों को राशन अनाज की ढुलाई पर लगाया गया है।

Created On :   8 March 2021 12:37 PM IST

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