जनहित याचिका दायर कर गायब रहने वाले वकीलों पर हाईकोर्ट नाराज

Bombay High Court anger on absent lawyer after PIL filed
जनहित याचिका दायर कर गायब रहने वाले वकीलों पर हाईकोर्ट नाराज
जनहित याचिका दायर कर गायब रहने वाले वकीलों पर हाईकोर्ट नाराज

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने जनहित याचिका दायर करने के बाद सुनवाई के लिए अनुपस्थित रहनेवाले वकील व याचिकाकर्ताओं के प्रति नाराजगी जाहिर की है। हाईकोर्ट ने कहा कि लोग याचिका दायर करने के बाद अपेक्षा करते हैं कि सब काम कोर्ट करे ऐसा लगता है कि वकील व याचिकाकर्ता की कोई जिम्मेदारी ही नहीं है। यदि लोग अपनी याचिका को लेकर गंभीर नहीं है तो अदालत ऐसे लोगों को तारीख देकर कृतार्थ नहीं करेगी।  न्यायमूर्ति एससी धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति भारती डागरे की खंडपीठ ने यह बात प्रोटेक्शन आफ राइटस एसोसिएशन की ओर से दायर जनहित याचिका को समाप्त करते हुए यह बात कही।

समुद्री किनारों की सुरक्षा का है मुद्दा 
याचिका में मुख्य रुप से समुद्री किनारों की सुरक्षा के मुद्दे को उठाया गया था। याचिका में दावा किया गया था कि 26/11 जैसे आतंकी हमले के बाद भी सरकार ने समुद्री किनारे की सुरक्षा के लिए पर्याप्त स्पीड बोट व प्रशिक्षित लोग तैनात नहीं किए हैं।   सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि उनके वरिष्ठ सहयोगी वकील उपलब्ध नहीं हैं, इसलिए मामले को चार सप्ताह तक के लिए स्थगित किया जाए। इस पर खंडपीठ ने कहा कि यह याचिका पिछले डेढ साल से प्रलंबित है। कई बार सुनवाई टाली जा चुकी है।

याचिका दायर कर गैरहाजिर रहने वाले वकीलों पर कोर्ट नाराज
खंडपीठ ने कहा कि यदि याचिकाकर्ती सुनवाई को लेकर गंभीर नहीं हैं पर अदालत मामले की सुनवाई नहीं टालेगी। खंडपीठ ने कहा कि याचिकाकर्ता चाहे तो दूसरी कोर्ट में अपनी बात रख सकता है और इस मामले को लेकर शिकायत भी कर सकता है। यह कहते हुए खंडपीठ ने याचिका को समाप्त कर दिया। मामले में कोर्ट का रूख देखते हुए साफ जाहिर होता है कि जो लोग याचिका दायर करने के बाद कभी अदालत नहीं जाकर सुनवाई के दौरान उपस्थित नहीं रहते हैं उनके मामलों में कोर्ट अपना समय बर्बाद नहीं करेगी। 

Created On :   24 Feb 2018 5:57 PM IST

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