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समन-वारंटी के लिए सरकार बनाएगी व्यवस्था ,सरकार के रुख से हाईकोर्ट नाराज

डिजिटल डेस्क,मुंबई। समन व वारंट को तामील कराने के लिए अब तक राज्य सरकार की ओर से प्रभावी व्यवस्था न बनाये जाने पर बांबे हाईकोर्ट ने नाराजगी जाहिर की है। सरकार के रुख से क्षुब्ध अदालत ने कहा कि यदि मामले को लेकर अगली सुनवाई के दौरान हलफनामा पेश नहीं किया जाता है तो संबंधित विभाग के सचिव सारे रिकॉर्ड के साथ कोर्ट में मौजूद रहे।
पिछली सुनवाई में जाहिर की थी नाराजगी
न्यायमूर्ति एस. सी. धर्माधिकारी व न्यायमूर्ति भारती डांगरे की खंडपीठ ने मामले की पिछली सुनवाई के दौरान समन व वारंट देरी से पहुंचने पर नाराजगी जाहिर करते हुए कहा था कि सरकार राज्य की हर आपराधिक कोर्ट में समन व वारंट तामील करने के लिए अलग विभाग बनाने के पहलू पर विचार करे। खंडपीठ ने साफ किया था कि समन व वारंट के तामील न होने की बात राज्य के सिर्फ एक जिले व शहर तक सीमित नहीं है। इसलिए सरकार इसके लिए एक प्रभावी योजना बनाये। सुनवाई के दौरान सहायक सरकारी वकील प्राजक्ता शिंदे ने कहा कि सरकार को इस मामले में हलफनामा दायर करने के लिए एक और अवसर प्रदान किया जाये। ताकि सरकार अदालत के निर्देशों का पालन कर सके।
21 फरवरी तक सुनवाई टली
खंडपीठ ने सरकारी वकील के आग्रह को स्वीकार करते हुए मामले की सुनवाई 21 फरवरी तक के लिए स्थगित कर दी। समन व वारंट के तामील होने देरी के चलते होने वाली दिक्कतों को आधार बनाकर कारोबारी विवेक महामुनि ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर की है। याचिका में दावा किया गया है कि समन व वारट पहुंचने में विलंब होने के चलते चेक बाउंस होने से जुड़े मामलों की सुनवाई में देरी होती है। इस संदर्भ में अब 21 फरवरी के बाद ही स्थिति स्पष्ट हो सकेगी। सरकार को समन और वारंट भेजने के बाद उस पर कई बार ध्यान ही नहीं दिया जाता है। ऐसे कई मामले सामने आए हैं।
Created On :   10 Feb 2018 5:46 PM IST