नाबालिग के साथ अननैचुरल सेक्स करने वाले की 20 साल की सजा को हाईकोर्ट ने रखा बरकरार

Bombay high court give 20 year imprisoned of child unnatural sex
नाबालिग के साथ अननैचुरल सेक्स करने वाले की 20 साल की सजा को हाईकोर्ट ने रखा बरकरार
नाबालिग के साथ अननैचुरल सेक्स करने वाले की 20 साल की सजा को हाईकोर्ट ने रखा बरकरार

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बाॉबे हाईकोर्ट ने नाबालिग बच्चे के साथ अननैचुरल सेक्स बनाने के मामले में दोषी पाए गए एक आरोपी की सजा को बरकरार रखा है। मुंबई की पास्को कोर्ट ने मामले से जुड़े अरोपी खलील शेख को 20 साल के कारावास की सजा सुनाई थी। निचली अदालत के फैसले के खिलाफ शेख ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी। शेख को पुलिस ने नाबालिग अनाथ बच्चे के साथ दुष्कर्म के मामले में गिरफ्तार किया था। पीड़ित बच्चे के मुताबिक आरोपी उसे पैसे का लालच देकर एक इमारत की टेरिस पर ले गया था। जहां उसने उसके साथ दुष्कर्म किया। मेडिकल रिपोर्ट में भी नाबालिग के साथ दुष्कर्म होने की पुष्टि की गई थी। आरोपी के खिलाफ पुलिस ने भारतीय दंड संहिता की धारा 377 सहित विभिन्न धराओं के अलावा पास्को कानून की धराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। 

न्यायमूर्ति साधना जाधव के सामने अरोपी की अपील पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान शेख के वकील ने कहा कि प्रकरण को लेकर पुलिस की जांच में काफी अनियमितता है। पीड़ित लड़का नाबालिग है इसे लेकर जन्म प्रमाणपत्र जैसे कोई दस्तावेजी सबूत नहीं पेश किए गए है। शेख के वकील की ओर से दी गई दलीलों व पीड़ित लड़के के बयान व मेडिकल रिपोर्ट पर गौर करने के बाद कहा कि अब समय आ गया है कि दुष्कर्म पीड़ित को न्याय मिले।  हर बार आरोपी को ही संदेह का लाभ नहीं मिलना चाहिए। अब समय आ गया है कि दुष्कर्म से जुडे मामले के पीड़ित के हितों का संरक्षण किया जाए। 

न्यायमूर्ति ने कहा कि जब अभियोजन पक्ष आरोपी पर लगे आरोपों को संदेह से परे जाकर साबित करने में किसी कारणवश विफल होता है तो ऐसे मामलों में कोर्ट का यह दायित्व होता है कि वह यह देखे की मामले से जुड़े पीड़ित के साथ न्याय हो। न्यायमूर्ति ने इस मामले में विशेषज्ञों के मत व पीड़ित लड़के की उम्र को लेकर की गई जांच रिपोर्ट पर गौर करने के बाद शेख की अपील को खारिज कर दिया और उसकी सजा को बरकरार रखा। 

Created On :   16 Feb 2019 1:11 PM GMT

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