प्रचार का समय खत्म होने के बाद ऑनलाइन प्रचार रोकने के लिए कदम उठाए सरकार : हाईकोर्ट 

Bombay High Court on online election campaign just before voting
प्रचार का समय खत्म होने के बाद ऑनलाइन प्रचार रोकने के लिए कदम उठाए सरकार : हाईकोर्ट 
प्रचार का समय खत्म होने के बाद ऑनलाइन प्रचार रोकने के लिए कदम उठाए सरकार : हाईकोर्ट 

डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने कहा है कि केंद्र सरकार व केंद्रीय चुनाव आयोग मौजूदा कानून के तहत 48 घंटे पहले चुनाव प्रचार बंद होने के बाद सोशल मीडिया के जरिए किए जाने वाले ऑनलाइन प्रचार-प्रसार के नियमन की दिशा में कदम उठाए।

चीफ जस्टिस नरेश पाटील व जस्टिस नीतिन जामदार की बेंच ने एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान यह बात कही। बेंच ने कहा कि यदि ऑनलाइन प्रचार-प्रसार को नियंत्रित नहीं किया गया तो लोग कुछ भी अपलोड करेंगे। बेंच ने सरकार को इस संबंध में 11 जनवरी को अपना रुख स्पष्ट करने को कहा है।

इससे पहले केंद्र सरकार के वकील ने याचिका का विरोध किया और कहा कि यह याचिका सुनवाई योग्य नहीं है। क्योंकि याचिकाकर्ता अप्रत्यक्ष रुप से कोर्ट से कानून बनाने की मांग कर रहा है। इस पर बेंच ने कहा कि मौजूदा कानून में ही सरकार के पास ऑनलाइन प्रचार–प्रसार पर नियंत्रण के लिए अधिकार है। जिनका इस्तेमाल करके सरकार ऐसे प्रचार प्रसार को नियंत्रित करने की दिशा में कदम उठाए। कोर्ट ने कहा कि हम सरकार को इस संबंध में नया कानून बनाने के लिए नहीं कह रहे हैं। 

पेशे से वकील सागर सूर्यवंशी की ओर से दायर याचिका में मांग की गई है कि मतदान के 48 घंटे पहले किसी भी राजनीतिक दल को बगैर अनुमति के यूट्यूब, फेसबुक, ट्विटर व दूसरे सोशल मीडिया के माध्यम से राजनीतिक दलों की ओर से किए जानेवाले प्रचार-प्रसार पर रोक लगाई जाए। याचिका में कहा गया है कि जनप्रतिनिधित्व कानून की धारा 126 को सोशल मीडिया पर लागू किया जाए। क्योंकि लोग मनमाने तरीके से सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार के लिए वीडियो अपलो करते हैं।

Created On :   7 Jan 2019 6:11 PM GMT

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