किसानों की राशि डकारने वाले बैंक अधिकारियों को जमानत देने से हाईकोर्ट ने किया इंकार

Bombay High Court refuses to grant bail to bank officials
किसानों की राशि डकारने वाले बैंक अधिकारियों को जमानत देने से हाईकोर्ट ने किया इंकार
किसानों की राशि डकारने वाले बैंक अधिकारियों को जमानत देने से हाईकोर्ट ने किया इंकार

कृष्णा शुक्ला,मुंबई। बांबे हाईकोर्ट ने राज्य के सूखा प्रभावित किसानों को राहत के लिए सरकार की ओर से दी गई निधि का गबन करने के मामले में आरोपी सरकारी व बैंक अधिकारियों को जमानत देने से इंकार कर दिया है। इन आरिपोयों ने मिलकर किसानों को राहत निधि देने की बजाय उसे बोगस खातो के जरिए खुद हड़प लिया। आरोपियों में सतारा जिले के अंतर्गत आनेवाले एक इलाके में कार्यरत तहतसीलदार अमोल कांबले, आईसीआईसीआई के शाखा प्रबंधक राकेश नायडू,चैतन्य को-आपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के शाखा प्रबंधक रमेश देशपांडे व कराड मर्चेंट को-आपरेटिव क्रेडिट सोसाइटी के शाखा प्रबंधक सुनील कानसे का समावेश है। 

आरोपियों के खिलाफ दर्ज है मामला
न्यायमूर्ति साधना जाधव ने मामले से जुड़े तथ्यों पर गौर करने के बाद कहा कि मुट्‌ठी भर लोग मिलकर अपने निजी फायदे के लिए नैसर्गिक अापदा के कारण पहले से परेशान किसान को और सताते है। परिणाम यह होता है कि किसानों को दी गई राहत राशि उन तक पहुंच ही नहीं पाती है। जिसके चलते किसानों को आत्महत्या तक करनी पड़ती है क्योंकि सूखे की स्थिति के चलते किसान अपना कर्ज भी नहीं चुका पाता है। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता की विभिन्न धाराओं के तहत 408,406,420,468, 471 व 34 के तहत मामला दर्ज किया था। आरोपियों ने जमानत के लिए हाईकोर्ट में अर्जी दायर की थी। 

2 करोड़ 92 लाख 95 हजार 489 रुपए का बंदरबाट
अभियोजन पक्ष के मुताबिक खटाव विभाग के उप विभागीय अधिकारी दादा साहेब कांबले ने वडूज पुलिस स्टेशन में इस संबंध में शिकायत दर्ज कराई थी। शिकायत में दावा किया गया था कि सरकार ने 12 हजार 844 सूखा प्रभावित किसानों  के लिए 6 करोड 28 लाख 75 हजार 832 रुपए आवंटित किए थे। लेकिन इसमें से दो करोड़ 92 लाख 95 हजार489 रुपए किसानों को दिए ही नहीं गए। उप विभागीय अधिकारी ने शिकायक में दावा किया था कि इस रकम को किसानों की फर्जी सूची व बोगस खाते बनाकर हड़प लिया गया। सरकारी वकील ने दावा किया कि जांच में पता चला है कि तहसीलदार ने कुछ रकम अपनी पत्नी के खाते में जमा की थी। न्यायमूर्ति  के सामने जमानत आवेदन पर  सुनवाई के दौरान सरकारी वकील ने इन चारों आरोपियों की जमानत का विरोध किया। मामले से जुड़े दोनों पक्षों को सुनने के बाद न्यायमूर्ति ने इन चारों आरोपियो को जमानत देने से इंकार कर दिया। 
 

Created On :   17 Feb 2018 5:36 PM IST

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