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सरकारी विभागों में 33 % पदोन्नति को आरक्षण असंवैधानिक : हाईकोर्ट
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने अपने एक महत्वपूर्ण फैसले में सरकार के विभिन्न विभागों व सार्वजनिक निकायों BMC व BEST जैसे संस्थानों के भीतर पदोन्नति में 33 प्रतिशत आरक्षण को अवैध व असंवैधानिक ठहराया है। सरकार ने 2004 में पदोन्नति में आरक्षित वर्ग को 33 प्रतिशत आरक्षण देने का निर्णय लिया था। इसके खिलाफ हाईकोर्ट में याचिका दायर की गई थी।
शुरुआत में यह मामला जस्टिस अनूप मोहता व जस्टिस एए सैयद की बेंच के सामने सुनवाई के लिए आया था। सुनवाई के बाद आए फैसले में न्यायाधीश मोहता ने पदोन्नति में आरक्षण को सही ठहराया था। जबकि जस्टिस सैयद ने आरक्षण को अवैध व असंवैधानिक बताते हुए उसे रद्द कर दिया था। दो जस्टिस के एकमत ने होने से मामला सुनवाई के लिए जस्टिस एमएस सोनक के पास भेजा गया था।
जस्टिस सोनक ने मामले की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट के फैसले का हवाला देते हुए पदोन्नति में आरक्षण के फैसले को गलत बताया है। सरकार की ओर से 2004 में जारी किए गए परिपत्र के तहत पदोन्नति में 13 प्रतिशत अनुसूचित जाति, 7 प्रतिशत अनुसूचित जनजाति, 13% NT, VJDT व SBC के लिए आरक्षण रखा गया था।
Created On :   27 July 2017 9:55 AM GMT