समय से पहले जन्मी , मेडिकल टीम ने नाम दिया बेबी फाइटर

Born ahead of time, the medical team named Baby Fighter
समय से पहले जन्मी , मेडिकल टीम ने नाम दिया बेबी फाइटर
समय से पहले जन्मी , मेडिकल टीम ने नाम दिया बेबी फाइटर

डिजिटल डेस्क, नागपुर । समय से पहले मात्र 600 ग्राम वजन और विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त बच्ची को नया जीवन मिला है। अब बच्ची तीन माह की हो चुकी है और उसका वजन 1.7 किलाग्राम हो चुका है। इस तरह के दुर्लभ मामलों में शिशु के बचने की संभावना काफी कम रहती है लेकिन न्यूनेटोलॉजी व लैक्टेशन कंसल्टेंट डॉ स्वप्निल भिसीकर और उनकी टीम ने इस चुनौती को स्वीकार किया और सफल भी रहे। डॉ भिसीकर ने बताया कि कामठी की अमीना मिर्जा को 31 जनवरी को समय पूर्व प्रसव हुआ था। उस समय गर्भ के छह माह ही पूरे हुए थे। प्रसव के बाद उन्हें नवजात को नवजात विशेषज्ञ को दिखाने की सलाह दी गई। इसके बाद मां नवजात बच्ची के साथ हमारे पास पहुंचीं। हमने जन्म के मात्र आधे घंटे बाद ही बच्ची को सीपीएपी मशीन में रखा। इससे उसे समय से पूर्व के जन्म के कई खतरों से बचाने में सफलता मिली। बच्ची की देखभाल करने वाली टीम में डॉ भिसीकर, डॉ ओम, डॉ अश्विन पिंजरकर, डॉ अानंद संचेती, अश्विनी भोयर, तस्नीम माला, निलेश मिश्रा, निलेश अग्रवाल, संध्या वायकुले शामिल थे

दो माह से आईसीयू में
डॉ भिसीकर ने बताया कि समय से पहले जन्म के कारण बच्ची के कई अंग खासकर लंग व गट पूरी तरह से विकसित नहीं थे। इसके कारण उसे दो माह तक आईसीयू में रखना पड़ा। आंतों के ठीक से विकसित नहीं होने के कारण उसे दूध पचाने में परेशानी हो रही थी। शुरूआत में बच्ची को दूध की जगह ग्लूकोज दिया गया। फिर बेहद कम मात्रा में दूध दिया जाने लगा। फिलहाल बेबी 40 मिली दूध दिन से सात से आठ बार पी लेती हैं लेकिन शुरू में दो या तीन मिली दूध भी मुश्किल से ले पाती थी।

जन्म से पहले जन्मे नवजात को कई समस्याएं होती हैं। शरीर में अंगों के पूरी तरह विकसित नहीं होने के कारण कई तरह की समस्याएं होती है। हालांकि नवजात बच्ची फाइटर की तरह जीवन के लिए लड़ी और हमारी टीम ने भी उसे बचाने के लिए काफी मेहनत की। आज बेबी फाइटर पूरे टीम की लाडली बन चुकी है  -डॉ स्वप्निल भिसीकर, न्यूनेटोलॉजी व लैक्टेशन कंसल्टेंट 

Created On :   15 April 2020 7:44 PM IST

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