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उधार लें, मगर विद्यार्थियों को पोषक आहार दें !

डिजिटल डेस्क, चिमूर.चंद्रपुर। शाला शुरू होने के बाद शासन ने शालेय पोषण आहार भी शुरू किया है। ऐसे में शासन ने महंगाई का विचार किए बिना मामूली बढ़त की और खाद्य तेल की खरीदी शाला स्तर पर करने के निर्देश दिए। अब शाला स्तर से ही पकाया हुआ खाना विद्यार्थियों को देने के लिए जरूरत पड़ने पर सामग्री उधार लेने के निर्देश शिक्षा विभाग की ओर से शालाओं को प्राप्त हुए हंै। इसलिए शिक्षक असंतोष जता रहे हैं। इससे स्कूल की समस्याएं बढ़ गई है। शिक्षा संचालक के निर्देश के अनुसार 15 मार्च से शाला स्तर पर विद्यार्थियों को आहार पकाकर दिया जा रहा है।
आपूर्तिकर्ता की ओर से चावल और दाल की आपूर्ति होने तक वैकल्पिक व्यवस्था के रूप में पका हुआ भोजन उपलब्ध कराना है। शालाओं को 154 दिनों के लिए चावल और धान की अपूर्ति की गई है, वह विद्यार्थियों में वितरित किया जा रहा है। साथ ही उक्त वितरण रोककर जब 43 दिनों का अनाज दिया जाएगा उसके बाद विद्यार्थियों को 154 दिनों का धान वितरण करने की सूचना दी है। साथ ही स्कूल में ही भोजन तैयार करने के लिए ईंधन, सब्जि व तेल की खरीदी शाला स्तर पर करने की जिम्मेदारी मुख्याध्यापक पर सौंप ने से अब शिक्षक व मुख्याध्यापक की समस्याएं बढी है।
आदेश तत्काल रद्द किया जाए
शासन प्रशासन यंत्रना की सफलता छुपाने के लिए मुख्याध्यापक व शिक्षकाे की समस्याएं बढाई जा रही है। ऐसा आरोप लगाते हुए भोजन के लिए सामग्री की आपूर्ति न कर मुख्याध्यापक और शिक्षकाें को पोषण आहार पकाकर देने की अनुचित सख्ती पर्यायी व्यवस्था के नाम पर करने पर और भोजन पकाकर देना असंभव होने के लिए शिक्षक और मुख्याध्यापक को जिम्मेदार समझने पर प्राथमिक व उच्च प्राथमिक सेवा मंडल संगठन को विरोधी भूमिका लेने की पडेगी। ऐसी चेतावनी संगठन के राज्याध्यक्ष अशोक वैध ने दी है।
Created On :   29 March 2022 3:48 PM IST