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मूल झोपड़ा मालिक से घर खऱीदने वाला एसआरए के लिए होगा पात्र

डिजिटल डेस्क,मुंबई। बॉम्बे हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से जानना चाहा कि क्या मूल झोपड़ा मालिक से झोपड़ा खरीदने वाला व्यक्ति पुनर्वास (एसआरए योजना) के लिए पात्र होगा। यदि झोपड़ा खरीदने वाला व्यक्ति पुनर्वास के लिए पात्र होगा तो इसका आधार क्या होगा। हाईकोर्ट ने राज्य सरकार व झोपड़पट्टी पुनर्वास प्राधिकरण (एसआरए) से इस बारे में जवाब मांगा है। हाईकोर्ट ने कहा कि सरकार की मौजूदा नीति झोपड़ा खरीदने वाले व्यक्ति के पुनर्वास को मान्यता नहीं देती है। जबकि मुंबई सहित राज्य भर में ऐसे व्यक्तियों की संख्या बहुत ज्यादा है।
न्यायमूर्ति गौतम पटेल व न्यायमूर्ति माधव जामदार की खंडपीठ ने कहा कि बड़े पैमाने पर झोपड़े के मूल मालिक एक बिक्री अनुबंध के तहत अपना झोपडा दूसरे शख्स को बेच देते हैं। कई बार तो इसका न तो पंजीयन होता है और न ही स्टैम्प ड्यूटी भरी जाती है। खंडपीठ ने कहा कि पुनर्वास के लिए जो एनेक्सचर टू तैयार किया जाता है, उसमें झोपडा खरीदने वाले व्यक्ति के नाम को शामिल करने को मंजूरी नहीं है। एक तरह से झोपडा खरीदने वाला व्यक्ति पुनर्वास के तहत मिलने वाले घर के लिए पात्र नहीं होता है। वहीं मूल झोपडाधारक न सिर्फ झोपड़े बेचने के एवज में मिलने वाली राशि को भी ले लेता है बल्कि पुनर्वसन के तहत घर भी ले हासिल कर लेता है। क्योंकि मौजूदा नीति झोपडा खरीदने वाले व्यक्ति को पुनर्वास के तहत मिलने वाले घर के लिए पात्र नहीं मानती है। इसलिए हम जानना चाहते हैं कि क्या मूल झोपड़ा मालिक से झोपड़ा खरीदने वाला व्यक्ति पुनर्वास के लिए पात्र होगा। यदि झोपड़ा खरीदने वाला व्यक्ति पुनर्वास के लिए पात्र होगा तो इसका आधार क्या होगा। खंडपीठ ने इस संबंध में इस विषय पर राज्य सरकार व एसआरए को सात फरवरी 2022 तक हलफनामा दायर करने का निर्देश दिया है। खंडपीठ ने कहा कि हम पुनर्वास के तहत मिलने वाले घर को बेचने पर पांच से दस साल के लगाए गए प्रतिबंध के बारे में बात नहीं कर रहे हैं। हम झोपड़े को बेचने के बाद पैदा होने वाली परिस्थिति के विषय में सरकार से जवाब चाहते हैं। हाईकोर्ट में इस मामले को लेकर दीपिका सेठ सहित तीन लोगों ने याचिका दायर की है।
Created On :   15 Jan 2022 6:58 PM IST