पकड़ा गया जहरीली शराब का कारखाना- 343 टन महुआ-लाहन किया नष्ट

campaign against the liquor mafia by excise department, along with the police
पकड़ा गया जहरीली शराब का कारखाना- 343 टन महुआ-लाहन किया नष्ट
पकड़ा गया जहरीली शराब का कारखाना- 343 टन महुआ-लाहन किया नष्ट

डिजिटल डेस्क, सतना। शराब माफिया के खिलाफ चलाए जा रहे अभियान के दौरान आबकारी विभाग ने पुलिस के साथ मिलकर उचेहरा क्षेत्र के खोखर्रा में छापा मारकर कच्ची शराब बनाने के कारखाने का पर्दाफाश कर दिया। कार्यवाही में 34 हजार 3 सौ किलोग्राम लाहन और 2 सौ लीटर हाथभी शराब लावारिश हालत में मिली, जिसे मौके पर नष्ट कर दिया गया। हालांकि कोई भी आरोपी पकड़ में नहीं आया। जिला दंडाधिकारी राहुल जैन के निर्देश पर सहायक आबकारी आयुक्त पीएल राकेश द्वारा गठित किए गए विशेष उडऩदस्ता दलों ने नागौद सर्किल की टीम व उचेहरा पुलिस के साथ  दोपहर को मुखबिर की सूचना पर खोखर्रा से लगे जंगल में छापा मारकर तलाशी ली तो नदी के किनारे एक पूरा कारखाना पकड़ में आ गया, जहां सैकड़ों की संख्या में प्लास्टिक के ड्रम व डिब्बों में महुआ-लाहन सड़ रहा था। वहीं गैलनों में कच्ची शराब भरी थी। लगभग आधा किलोमीटर के क्षेत्र में एक सैकड़ा से अधिक भियां सजी हुई थीं। मौके पर कई टन जलाऊ लकड़ी व शराब बनाने का अन्य सामान भी पड़ा था। यह नजारा देखकर आबकारी और पुलिस की टीम भौचक्की रह गई। आनन-फानन में संयुक्त दस्ते ने ड्रम और डब्बों को पलटा कर लाहन व शराब नष्ट करनी शुरू कर दी, साथ ही भियां को तहस-नहस कर दिया। इस अवैध कारखाने को नेस्तनाबूद करने में लगभग 3 घंटे का समय लग गया। इतना ही नहीं ड्रम और डब्बों को कुल्हाड़ी से काटकर बेकार कर दिया गया ताकि शराब माफिया पुन: इनका इस्तेमाल ना कर सके। जब्ती के बाद नष्ट किए गए महुआ लाहन व शराब की कीमत 17 लाख 35 हजार आंकी गई।

2 जगह जमा कर रखा था लाहन
संयुक्त दल ने जब खोखर्रा और खोह में नदी के किनारे लगे जंगल में 32 हजार 3 सौ किलोग्राम लाहन व 2 सौ लीटर शराब बरामद हुई, जिसे नष्ट कर टीम आगे बढ़ी तो नदी में ही कुछ आगे जाकर 100 ड्रमों में 2 हजार किलोग्राम लाहन और मिल गया। जिसे बिना देर किए नष्ट कर दिया गया। इसके अलावा बड़े-बड़े बर्तन, घड़े, गैलन, यूरिया, चूना, बेसरम, सिरका आदि भी मिला था जिसे मिट्टी में मिला दिया गया। इन सब का इस्तेमाल हाथ भ_ी शराब बनाने में किया जा रहा था, जिसके संबंध में आबकारी अमले ने बताया कि इन चीजों का उपयोग शराब में नशे की मात्रा बढ़ाने के लिए किया जाता है जो स्वास्थ्य के लिए खतरनाक होता है। इसे जहरीली शराब  भी कहा जाता है, जिसका अधिक सेवन से जान भी जा सकती है।

क्या-क्या मिला
मौके से 2 सौ किलोग्राम वाले एक सैकड़ा प्लास्टिक के ड्रम बरामद हुए, जिनमें ऊपर तक महुआ-लाहन भरा हुआ था। वहीं 20 किलोग्राम वाले 715 नग प्लास्टिक के डिब्बे मिले थे, इनमें भी महुआ-लाहन सड़ रहा था।  इसके अलावा एक ड्रम में 2 सौ लीटर कच्ची शराब भी भरी हुई थी।

फिर बच निकले माफिया और उसके गुर्गे
खोखर्रा में संयुक्त कार्यवाही के दौरान एक भी आरोपी पकड़ में नहीं आया। कारखाने के रूप में कच्ची शराब बनाने का ठीहा जमाने वाले रसूखदार माफिया और उसके गुर्गे पहले ही वहां से भाग निकले थे, जिससे यह साबित हो गया कि माफिया के मुखबिर पुलिस और आबकारी दस्ते के मददगारों से कहीं तेज हैं। जिन्होंने सरकारी अमले की गाडिय़ों को दूर से ही देखकर जहरीली शराब बना रहे लोगों को सतर्क कर भगा दिया।
 

Created On :   12 Nov 2018 8:36 AM GMT

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