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ग्रामीणों के आंदोलन से ताड़ोबा में सैर नहीं कर पाए टूरिस्ट

डिजिटल डेस्क, चंद्रपुर। बाघों के लिए प्रसिद्ध ताड़ोबा बाघ प्रकल्प में भ्रमण करने आए टूरिस्टों को यहां उस समय परेशानी हुई जब उन्हें प्रवेश करने नहीं दिया। दरअसल ताड़ोबा के मुख्य प्रवेश द्वार पर मोहर्ली गेट के सामने कोर जोन के पलसगांव व अन्य गांवों के ग्रामीणों द्वारा आंदोलन किया गया। ग्रामीणों ने वन विभाग की कार्यप्रणाली पर रोष जताते हुए चक्काजाम कर दिया। इस आंदोलन के कारण पर्यटक सफारी का लुत्फ उठा नहीं पाए। आंदोलन के कारण ताड़ोबा के मुख्य प्रवेश द्वार पर पर्यटकों के वाहनों की लंबी कतारें लग गई थीं। इससे पर्यटकों के साथ जिप्सी चालक ही नहीं, बल्कि वन विभाग के कर्मचारियों में भी अफरा-तफरी मच गई।
पैसे देकर पर्यटन का लुत्फ उठाने ताड़ोबा पहुंचे पर्यटकों ने इस मामले पर नाराजगी जताई। ग्रामीणों का आरोप था कि पहले से ही जंगल परिसर में बसे ग्रामों में वन विभाग के अधिकारी आकर कार्यों में हस्तक्षेप करते हैं। ग्रामीणों को बेवजह परेशान करते हैं। उनके दैनिक कार्य बाधित करते हैं। आदिवासी परंपरा के अनुसार पूजा करने पर भी रोक लगाने की कोशिशें करते हैं। उनके इस रवैये से संतप्त हुए ग्रामीणों ने धरना आंदोलन किया। आंदोलन को पलसगांव के ग्रामीणों ने समर्थन दिया। वहीं कोर जोन के रानतलोधी व खुटवंडा गांव के नागरिक भी आंदोलन में बड़ी संख्या में शामिल हुए।
कुछ ने दोपहर में की सैर, तो कुछ ने वापस मांगे पैसेे
इस आंदोलन के चलते पर्यटकों में भारी रोष देखा गया। सुबह की सफारी में जो लोग ताड़ोबा में नहीं जा पाए, उन्हें उनकी इच्छानुसार दोपहर को ताड़ोबा में प्रवेश दिया गया। अनेक पर्यटकों ने पैसे वापस मांगे। उधर आंदोलन से होनेवाली परेशानी को देखते हुए वन विभाग ने सुबह 10 बजे तक आश्वासन देकर आंदोलन खत्म करने को कहा गया। साथ ही प्रबंधन ने व्यवस्थाएं सुचारु कर लीं।
उल्लेखनीय है कि बाघों के लिए प्रसिद्ध ताड़ोबा में दूर-दराज से टूरिस्ट आते हैं और उन्हें प्रवेश न मिले तो वे आक्रोशित हो उठते हैं। वैसे भी ताड़ोबा में 1 दिसंबर से मोबाइल और कैमरा ले जाने की पाबंदी लगने वाली है, इसलिए इन दिनों वन्यप्रेमी जो फोटो के शौकीन है वे बड़ी संख्या में आते दिख रहे हैं।

Created On :   26 Nov 2018 4:26 PM IST