- Home
- /
- पेरोल पर जेल से बाहर जाने वाले कैदी...
पेरोल पर जेल से बाहर जाने वाले कैदी से पुलिस शुल्क वसूली में मिल सकती है छूट?
डिजिटल डेस्क, मुंबई। बांबे हाईकोर्ट नेराज्य सरकार से पूछा है कि क्या ऐसा कोई प्रावधान है जिसके तहत पैरोल पर छूटनेवाले कैदी को पुलिस दल के शुल्क से छूट दी जा सकती है। न्यायमूर्ति एसएस शिंदे व न्यायमूर्ति एनजे जमादार की खंडपीठ ने साल 2006 के मुंबई लोकल ट्रेन बम धमाके में दोषी पाए गए दो कैदियों की याचिका पर सुनवाई के दौरान यह सवाल किया। दोनों ने पुलिस दल के शुल्क से छूट देने की मांग की है। बता दें कि पेरोल पर जेल से बाहर आने वाले कैदियों को साथ पुलिस दल भेजा जाता है। इसका शुल्क संबंधित कैदी से वसूला जाता है।
याचिकाकर्ता कैदी मोहम्मद अली आलम शेख व मुजम्मिल रहमान शेख की ओर से पैरवी कर रही वकील कृतिका अग्रवाल ने कहा कि दोनों याचिकाकर्ता 14 सालों से जेल में हैं। दोनों याचिकाकर्ताओं को पैरोल पर छोड़ने के लिए उनसे पुलिस दल शुल्क की मांग की जा रही है। क्योंकि इन्हें पुलिस दल के साथ ही जेल से बाहर निकलने की बात कही गई है लेकिन इन दोनों से जो पुलिस दल शुल्क मांगा जा रहा है वह काफी ज्यादा है। इनकी वित्तीय स्थिति ऐसी नहीं है कि वे शुल्क का वहन कर सके।गौरतलब है कि मोहम्मद को नागपुर की सेंट्रल जेल में रखा गया है। उसे आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई है। उसने बेटी की शादी के लिए 14 दिन की पैरोल मांगी है। जबकि मुजम्मिल को नाशिक जेल में रखा गया है। उसकी मां अस्पताल में अकेले है। इसलिए उसकी देखरेख के लिए पैरोल पर रिहा किए जाने का आग्रह किया है।
वहीं मुख्य सरकारी वकील अरुणा पई ने कहा कि पुलिस दल शुल्क कैसे तय किया जाए इसको लेकर सरकार ने एक शासनादेश जारी किया है। अधिवक्ता अग्रवाल ने इस शासनादेश पर सवाल उठाए। इसे देखते हुए खंडपीठ ने अधिवक्ता अग्रवाल को अपनी याचिका में संशोधन कर शासनादेश को चुनौती देने को कहा और इस मामलें में वरिष्ठ अधिवक्ता को सहयोग के लिए न्यायमित्र के रुप में पैरवी के लिए बुलाया है। खंडपीठ ने तीन अगस्त 2021 को इस याचिका पर अगली सुनवाई रखी है।
Created On :   24 July 2021 1:51 PM GMT