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जबलपुर मेडिकल कॉलेज में बढ़ी कैंसर रोगियों की संख्या, दवाईयों की किल्लत

डिजिटल डेस्क छिंदवाड़ा। जिले में कैंसर रोगियों की संख्या लगातार बढ़ते जा रही है। बीते वर्ष जिले में कैंसर रोगियों की संख्या 798 थी। इस साल बढ़कर 934 हो चुकी है। ये आंकड़े उन रोगियों के हैं जो इलाज के लिए जिला अस्पताल पर ही निर्भर हैं। जिला अस्पताल के डॉक्टरों ने कैंसर रोगियों की पहचान कर इलाज तो शुरू कर दिया गया है, लेकिन इन मरीजों के लिए अस्पताल में पर्याप्त दवाएं नहीं है। 17 प्रकार की दवाओं में से अस्पताल में महज 9 प्रकार के इंजेक्शन और दो में से एक प्रकार की टेबलेट उपलब्ध है। ऐसे हालात में मरीजों को कीमो थैरेपी के लिए जबलपुर मेडिकल कॉलेज में जाना मजबूरी बन गया है। हर सप्ताह लगभग दो मरीजों को कीमो के लिए जबलपुर रेफर किया जा रहा है। दवाओं की कमी की वजह से डॉक्टर भी मरीजों को बेहतर इलाज नहीं दे पा रहे हैं। जिला अस्पताल में बालाघाट से आने वाली कैंसर की दवाएं नहीं आ रही हैं। अस्पताल से डॉक्टर इंडेन तो भेज रहे हैं लेकिन पर्याप्त दवाओं की सप्लाई नहीं हो रही है। इस वजह से जिला अस्पताल में ऐसे हालात बने हैं।
50 इंजेक्शन मांगे भेजे सिर्फ 20-
जिला अस्पताल से कैंसर के लिए हर प्रकार के 50 इंजेक्शन की मांग बालाघाट सीएस से की गई थी। बालाघाट में भी दवाओं की कमी की वजह से बीते दो माह पहले महज 20-20 इंजेक्शन भेजे गए थे। इनमें से महज 9 प्रकार की दवाएं अस्पताल में बची हैं। जो मरीजों के इलाज के लिए पर्याप्त नहीं है।
हर माह 20 मरीजों का कीमो जरुरी-
कैंसर जैसी गंभीर बीमारी से जूझ रहे मरीजों में से हर माह लगभग 20 मरीजों को कीमो थैरेपी दी जाती है। दवाओं की कमी की वजह से इनमें से अधिकांश मरीजों को या तो अगली तारीख दी जा रही है या जबलपुर रेफर किया जा रहा है। दवाओं के न होने से मरीजों को खासा परेशान होना पड़ रहा है।
क्या कहते हैं अधिकारी-
- दवाओं की कमी होने से मरीजों के इलाज में काफी समस्याएं आ रही है। कीमो के लिए गंभीर मरीजों को जबलपुर मेडिकल कॉलेज भेजा जा रहा है। बालाघाट से दवाओं की डिमांड की गई है।
- डॉ.दीपेन्द्र सलामे, कैंसर रोग विशेषज्ञ, जिला नोडल अधिकारी
Created On :   15 Feb 2018 1:22 PM IST