इलाज के अभाव में गंभीर स्टेज पर पहुंचे कैंसर के मरीज

Cancer patients reached critical stage due to lack of treatment during Corona period
इलाज के अभाव में गंभीर स्टेज पर पहुंचे कैंसर के मरीज
कोरोना ने बिगाड़ी हालत इलाज के अभाव में गंभीर स्टेज पर पहुंचे कैंसर के मरीज

डिजिटल डेस्क, नागपुर। शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में हर रोज मुंह के प्री-कैंसर से ग्रस्त 3 मरीज आ रहे हैं। इनमें प्राथमिक व द्वितीय चरण के लक्षण पाए जा रहे हैं। यह बीमारी तंबाकू व तंबाकूजन्य सामग्री के सेवन से हो रही है। कोरोनाकाल के चलते पिछले डेढ़ साल से ओपीडी में आने वाले मरीजों की संख्या कम हो गई थी। लापरवाही के कारण समय पर उपचार नहीं करवाने से प्री-कैंसर के लक्षण वालों की बीमारी स्टेज वन पर पहुंच गई है। वहीं कुछ लोगों में सेकंड स्टेज  की बीमारी भी पाई जा रही है।

रोज आते हैं 150 मरीज उपचार करवाने
शासकीय दंत चिकित्सा महाविद्यालय व अस्पताल में आने वाले प्री कैंसर के मरीजों में अधिकतर लोगों को तंबाकू, तंबाकूजन्य पदार्थ, पान मसाला व गुटखा से बीमारी हो रही है। अस्पताल की ओपीडी में हर रोज 150 से अधिक मरीज आते हैं। इनमें से 3 मरीजों में प्री-कैंसर की बीमारी पाई जा रही है। इनमें से कुछ फर्स्ट स्टेज और कुछ सेकंड स्टेज के होते हैं। कोरोनाकाल के दौरान यहां केवल इमरजेंसी ओपीडी शुरू थी, लेकिन उपचार के लिए आने वाले मरीजों की संख्या घट गई थी। लोग समय पर उपचार करवाने नहीं पहुंचे थे। दूसरी लहर कम होने के बाद लोग उपचार के लिए पहुंचने लगे हैं।

इलाज में भारी पड़ी लापरवाही 
लक्षण दिखाई देने के बाद भी उपचार नहीं करवाने वालों की बीमारी बढ़ना आम बात है। डेढ़ साल पहले जिनको सामान्य लक्षण थे, उनकी बीमारी फर्स्ट स्टेज पर पहुंच चुकी है। स्टेज फर्स्ट की बीमारी वाले सेकंड स्टेज पर पहुंच चुके हैं। कोरोनाकाल के दौरान उपचार करवाने में बरती गई लापरवाही के चलते ऐसा होने की संभावना व्यक्त की गई है।

प्री-कैंसर के होते हैं 3 स्टेज
प्री-कैंसर के तीन स्टेज होते हैं। पहला ओरल सबम्यूकस फाइब्रोसिस होता है। इसमें मुंह कम खुलता है। मुंह में जलन और भोजन करने में दिक्कत होती है। ऐसे लक्षण को प्री-कैंसर का फर्स्ट स्टेज माना जाता है। इसके सर्वाधिक मरीज पाए जाते हैं। एक महीने में फर्स्ट स्टेज वाले करीब 40 से अधिक मरीज मिले हैं। सेकंड स्टेज के मरीज ल्यूकोप्लेकिया से ग्रस्त होते हैं। इसमें मरीजों के मुंह के अंदर सफेद, बदरंग चकत्ते, खुरदुरापन होते हैं। इस स्टेज के हर महीने 25 से 30 मरीज आते हैं। इसके अलावा तीसरे स्टेज को ओरल लाइकेन प्लेनस कहा जाता है। इसमें मुंह में सफेद धारियां, लाल पैच आदि दिखाई देते हैं। तीसरे स्टेज के हर महीने 15 से अधिक मरीज पाए जा रहे हैं।
 

Created On :   31 Aug 2021 2:28 PM IST

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