असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में मप्र के उम्मीदवारों को नहीं मिलेगी 12 साल की छूट

Candidates will not get 12-year exemption for Assistant Professor Examination
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में मप्र के उम्मीदवारों को नहीं मिलेगी 12 साल की छूट
असिस्टेंट प्रोफेसर भर्ती परीक्षा में मप्र के उम्मीदवारों को नहीं मिलेगी 12 साल की छूट

डिजिटल डेस्क जबलपुर । असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर होने वाली आगामी 15 मार्च को होने वाली भर्ती परीक्षा में शामिल होने वाले मध्य प्रदेश के उम्मीदवारों को हाईकोर्ट से झटका लगा है। यहां के शिक्षित बेरोजगारों के लिए अधिकतम आयुसीमा में दी गई 12 साल की छूट को चीफ जस्टिस हेमंत गुप्ता और जस्टिस विजय कुमार शुक्ला की युगलपीठ ने असंवैधानिक ठहराते हुए खारिज कर दिया है। यानि, अब मप्र के उम्मीदवारों के लिए भी अधिकतम आयुसीमा 40 के बजाए 28 साल ही रहेगी। अपना विस्तृत फैसला सुनाते हुए युगलपीठ ने कहा है कि सरकार चाहे तो मध्य प्रदेश के अलावा दूसरे राज्य के छात्रों को कानून के मुताबिक अधिकतम आयुसीमा में छूट दे सकती है। इसके साथ युगलपीठ ने आयुसीमा में भेदभाव को चुनौती देने वाली याचिका का निराकरण कर दिया।
                                              यह याचिका उत्तरप्रदेश के गोरखपुर जिले के ग्राम ब्रम्हस्थान निवासी मुकेश कुमार उमर और मऊ जिले के ग्राम बनियापार में रहने वाली रीता सिंह की ओर से दायर की गई है। याचिका में मप्र लोक सेवा आयोग द्वारा असिस्टेंट प्रोफेसर पद पर नियुक्ति को लेकर 12 दिसंबर 2017 को जारी विज्ञापन में तय की गई आयुसीमा को चुनौती दी है। आवेदकों के अनुसार निवासी के आधार पर आयुसीमा में भेदभाव करना संविधान की मंशा के खिलाफ है, लिहाजा 12 दिसंबर को जारी विज्ञापन असंवैधानिक होने के कारण खारिज किया जाए। पूर्व में हाईकोर्ट ने महाधिवक्ता को इस मामले पर सरकार से निर्देश लेकर पक्ष रखने कहा था। 

                                           इस मामले पर सरकार का कहना था कि वर्ष 1993 के बाद वर्ष 2014 और वर्ष 2016 में नियुक्तियों का प्रयास किया गया था, लेकिन कुछ उम्मीदवारों द्वारा दी गई चुनौती के कारण विज्ञापन निरस्त कर दिए गए थे। उन्होंने युगलपीठ को बताया कि मध्य प्रदेश में बेरोजगारों की संख्या को देखते हुए राज्य सरकार ने अपने राज्य के उम्मीदवारों को आयुसीमा में छूट देने की नीति बनाई है।मामले पर बुधवार को आगे हुई सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ताओं की ओर से ब्रहमेन्द्र प्रसाद पाठक ने पक्ष रखा। सुनवाई के बाद युगलपीठ ने सरकार द्वारा दी गई दलीलों को नाकाफी पाते हुए मध्य प्रदेश के उम्मीदवारों के लिए अधिकतम आयुसीमा में 12 साल की छूट को असंवैधानिक ठहराते हुए खारिज कर दिया। मामले पर युगलपीठ द्वारा सुनाए गए िवस्तृत आदेश की फिलहाल प्रतीक्षा है।

 

Created On :   7 March 2018 7:30 PM IST

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