करोड़ों की सरकारी जमीन पर दबंगों का कब्जा, पूर्व डिप्टी स्पीकर ने कलेक्टर को लिख पत्र

captivity of government land, former deputy speaker wrote letter to the collector
करोड़ों की सरकारी जमीन पर दबंगों का कब्जा, पूर्व डिप्टी स्पीकर ने कलेक्टर को लिख पत्र
करोड़ों की सरकारी जमीन पर दबंगों का कब्जा, पूर्व डिप्टी स्पीकर ने कलेक्टर को लिख पत्र

डिजिटल डेस्क,सतना। अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी के सदस्य और विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष डा.राजेन्द्र कुमार सिंह ने तहसील मुख्यालय अमरपाटन में करोड़ों रुपए मूल्य की सरकारी संपत्ति की रक्षा किए जाने के लिए कलेक्टर डॉ.सत्येन्द्र सिंह को पत्र लिख कर त्वरित कार्यवाही की अपेक्षा की है। सतना रोड में कतिपय प्रभावशाली लोगों ने बेहद कीमती शासकीय भूमि पर दुकानें खड़ी कर ली हैं । इस जमीन की रजिस्ट्री निरस्त होने के बाद भी सरकारी अमला आंखें बंद किए हुए है । डॉ.सिंह ने पत्र में इस बात पर अफसोस जताया है कि अमरपाटन और रामनगर कस्बों में स्थानीय अधिकारियों द्वारा चलाई जा रही अतिक्रमण विरोधी मुहिम में मुंहदेखी की जा रही है।
 

रसूखदारों पर मेहरबानी की हद :
विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष ने पत्र में एक उदाहरण देते हुए स्पष्ट किया है कि अमरपाटन स्थित सतना रोड में कतिपय प्रभावशाली लोगों ने बेहद कीमती शासकीय भूमि को निजी स्वत्व में दर्ज कराते हुए अपने और परिवार के नाम पर रजिस्ट्री भी करा ली है, जबकि उस व्यक्ति की रजिस्ट्री जिसके नाम हुई थी। उसकी रजिस्ट्री तहसीलदार द्वारा खारिज की जा चुकी है, लेकिन राजनैतिक दबाव के कारण राजस्व अधिकारियों ने उनको अभिलेखों में शासकीय दर्ज नहीं किया है। कलेक्टर को लिखे पत्र में कहा गया है कि इस जमीन में 8-10 लोगों ने अवैधानिक तरीके से अस्थाई दुकानें भी बना ली हैं,मगर न तो रजिस्ट्रियां निरस्त की गई हैं और न ही  भूमि शासकीय दर्ज की गई है।

फसल ऋण माफी की शिकायतों पर लगाएं लगाम :
विधानसभा के पूर्व उपाध्यक्ष डॉ.राजेन्द्र सिंह ने कलेक्टर को लिखे पत्र में जय किसान ऋण माफी योजना को लेकर लगातार बढ़ रही शिकायतों पर भी चिंता जताई है। उन्होंने कहा है कि जिले में किसानों की कर्ज माफी का काम सीएम की मंशा के अनुरुप नहीं हो रहा है। जिला सहकारी बैंक ने या तो कर्ज नहीं लेने वाले किसानों को भी कर्जदार बना रखा है या फिर कर्ज की राशि बढ़ा चढ़ा कर दर्ज कर दी गई है। पत्र के मुताबिक रामनगर ब्लॉक के वो गांव जो शहडोल जिले की सरहद में बसे हैं। वहां के किसानों ने देवलोंद (शहडोल जिले की ब्यौहारी तहसील में है) में स्थित  बैंकों से कर्ज लिया है। वहां  शिकायतें  हैं कि उनकी पंचायतों में उनके द्वारा लिए गए कर्ज की जानकारी नहीं भेजी है। सतना अन्य पड़ोसी जिलों से भी कर्ज माफी का लाभ देने की प्रक्रिया में बहुत पीछे है।  कलेक्टर को लिखे पत्र में विधानसभा के पूर्व अध्यक्ष डा. सिंह ने ये भी स्पष्ट किया है कि हफ्ता भर पहले कई बार मोबाइल और कार्यालय के लैंड लाइन नंबर पर संपर्क करने की कोशिश नाकाम रहने और एसएमएस का भी जवाब नहीं मिलने पर अंतत: उन्होंने पत्र लिख कर महत्वपूर्ण मसलों को संज्ञान में लाने की कोशिश की है।

 

Created On :   31 Jan 2019 1:40 PM IST

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