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शहर को क्लीन करने वाले खुद खतरे में, घटिया गमबूट, ग्लव्ज व मास्क से चला रहे काम

चंद्रकांत चावरे, नागपुर। देशभर में क्लीन इंडिया अभियान छेड़ा गया है। अभियान में करोड़ों रुपए बहाए जा रहे हैं। नागपुर भी इससे अछूता नहीं है। जब-जब स्वच्छता सर्वेक्षण की टीम शहर में आती है, तब-तब मनपा प्रशासन सतर्कता दिखाती है। बाकी दिनों में स्थिति “ढाक के तीन पात’ वाली हो जाती है। मनपा प्रशासन ने 2008 को नागपुर का कचरा भांडेवाडी डंपिंग यार्ड में डालने का ठेका कनक रिसोर्सेस प्राइवेट लिमिटेड को दिया है। कंपनी के काम को लेकर समय-समय पर सवाल उठते रहे हैं। पिछले कुछ साल से कनक के कर्मचारियों को गमबूट, हैंडग्लव्ज, मॉस्क आदि नहीं दिए गए थे। पिछले महीने कर्मचारियों को सुरक्षा संसाधन दिये गए हैं। इनकी गुणवत्ता को लेकर सवाल उठने लगे हैं। हैंड ग्लव्ज की क्वालिटी इतनी खराब है कि हाथों में पहनकर काम करने के आधे घंटे में ही ये फट रहे हैं। काम करने वाले वर्करों ने हैंडग्लव्ज के बारे में शिकायत की। उनका कहना था कि कंपनी ने जो हैंडग्लव्ज दिये हैं, वह घटिया दर्जे के हैं। इन्हें पहनकर काम नहीं किया जा सकता। उनके शब्दों में- भाई, ये तो आधे घंटे में ही फट गया। कंपनी ने गमबूट और मॉस्क भी दिए हैं। मॉस्क की गुणवत्ता पर भी सवाल उठने लगे हैं।
कहा कुछ और किया कुछ
मनपा के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि कनक कंपनी के जिम्मेदार अधिकारी ने उन्हें जो हैंडग्लव्ज बताये थे वे दूसरे थे। कंपनी के अधिकारी ने बताया था कि सफाईकर्मियों को उच्च दर्जे के वारंटी वाले ग्लव्ज दिये जा रहे हैं। डीबी स्टार ने जब इस अधिकारी को ग्लव्ज की तस्वीरें दिखायीं तो उन्होंने आपत्ति उठायी। उन्होंने स्पष्ट कहा कि ऐसे ग्लव्ज सफाईकर्मियों के किसी काम के नहीं हैं। वहीं कंपनी के अधिकारी का दावा है कि जो ग्लव्ज दिये गए हैं वे जांच-परखकर खरीदे गए हैं। यह गुणवत्तापूर्ण है। तीन दिन तक पहनकर काम किया गया है। इन्हें छह महीने तक कुछ नहीं हो सकता। जबकि महीनाभर के भीतर ही ग्लव्ज फटने लगे हैं।

Created On :   20 Feb 2018 4:20 PM IST