जिला परिषद स्कूलों का नहीं कोई वाली, स्टूडेंट्स से अधिक प्रतिनियुक्ति पर ध्यान

carelessness and corruption in schools of district council maharashtra
जिला परिषद स्कूलों का नहीं कोई वाली, स्टूडेंट्स से अधिक प्रतिनियुक्ति पर ध्यान
जिला परिषद स्कूलों का नहीं कोई वाली, स्टूडेंट्स से अधिक प्रतिनियुक्ति पर ध्यान

डिजिटल डेस्क, नागपुर। जिला परिषद के अनेक शिक्षक पिछले 2 साल से जिला शिक्षण व प्रशिक्षण संस्था, राज्य विज्ञान संस्था तथा अन्य कार्यालयों में प्रतिनियुक्ति पर हैं। अब प्रतिनियुक्ति कालावधि और 2 साल के लिए बढ़ा दी गयी है। जिन स्कूलों के शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया है, उनकी जगह दूसरे शिक्षक की नियुक्ति नहीं की गई है। दो शिक्षक वाले स्कूलों में एक शिक्षक को प्रतिनियुक्ति पर अन्य जगह भेजा गया है। पहली से पांचवीं कक्षा तक को पढ़ाने का बोझ एक शिक्षक को निभाना पड़ रहा है। जिला परिषद के स्कूलों की यह हालत देख कर लगता है कि, विद्यार्थियों का कोई वाली नहीं रहा है।

जिला परिषद स्कूलों की शैक्षणिक गुणवत्ता में सुधार के लिए डिजिटल क्लास रूम, शौचालय निर्माण, पीने के शुद्ध पानी की सुविधा, इमारतों के निर्माण पर करोड़ों रुपए खर्च किए जा रहे हैं। विद्यार्थियों की उपस्थिति बढ़ाने के लिए मध्याह्न भोजन दिया जाता है। इससे भी आगे बढ़कर जिला परिषद स्तर पर उड़न दस्ते का गठन कर स्कूलों में शिक्षकों की उपस्थिति, विद्यार्थियों की शैक्षणिक गुणवत्ता को परखने के लिए कदम उठाए गए हैं। शैक्षणिक गुणवत्ता बढ़ाने के लिए की जा रही उपाय योजनाओं पर अमल करने के लिए अनेक स्कूलों में शिक्षक ही नहीं हैं। शिक्षा विभाग की सभी उपाय योजनाएं धरी की धरी रह गई हैं।

मध्याह्न भोजन तक रहते हैं स्टूडेंट
दो शिक्षक वाले स्कूल के एक शिक्षक को प्रतिनियुक्ति पर भेजा गया। एक शिक्षक पर विद्यार्थियों को बढ़ाना, स्कूल का रिकॉर्ड संभालना, मध्याह्न भोजन का लेखा-जोखा आदि सभी कामों का बोझ बढ़ गया है। उस पर एक शिक्षक को पांच कक्षाओं को पढ़ाने की जिम्मेदारी निभानी पड़ रही है। एक शिक्षक पांच कक्षाओं को एक साथ नहीं संभाल पाने से विद्यार्थी मध्याह्न भोजन तक स्कूल में रहते हैं और इसके बाद घर चले जाते हैं। 

पेसा और दुर्गम क्षेत्र में भी रिक्त पद
पेसा और आदिवासी दुर्गम क्षेत्र में शत-प्रतिशत शिक्षकों के पद भरने का हाईकोर्ट ने एक प्रकरण में फैसला सुनाया था। कोर्ट के फैसले के अधीन रहकर 100 प्रतिशत पद भी भरे गए। नियुक्ति के दूसरे ही दिन शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति आदेश देकर नियुक्त स्थल से कार्यमुक्त कर दिया गया। वर्तमान में पेसा और दुर्गम क्षेत्र में शिक्षक और केंद्र प्रमुखों के अनेक पद रिक्त हैं।

रिक्त पदों पर तत्काल नियुक्ति करें
प्रतिनियुक्ति प्रशासन का अधिकार है, लेकिन विद्यार्थियों की शैक्षणिक सुविधा देने की जिम्मेदारी भी है। जिन स्कूलों के शिक्षकों को प्रतिनियुक्ति पर दूसरी जगह भेजा गया है, उनकी जगह शिक्षकों की नियुक्ति करनी चाहिए, ताकि विद्यार्थियों का शैक्षणिक नुकसान टाला जा सके।
लीलाधर ठाकरे, जिलाध्यक्ष, महाराष्ट्र राज्य प्राथमिक शिक्षक समिति

Created On :   26 Nov 2018 9:15 AM GMT

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story