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खस्ता हुए ये सभी सरकारी क्वार्टर, असामाजिक तत्वों ने जमाया अपना डेरा

डिजिटल डेस्क, नागपुर। उपराजधानी में जहां एक ओर अनेक सरकारी विभागों के पास कार्यालय, गोदाम, प्रयोगशाला आदि के लिए पर्याप्त जगह उपलब्ध नहीं हो पाने से किराए की जगहों पर चल रहे हैं। वहीं कई एकड़ में करोड़ों रुपए खर्च कर बनाए गए सरकारी क्वार्टर खस्ता हाल में पड़े हैं। सिविल लाइंस, सेमिनरी हिल्स व काटोल रोड की कई एकड़ जमीन पर तैयार केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के सैकड़ों क्वार्टरों में से आधे क्वार्टर खाली हैं तो आधे क्वार्टरों की हालत बेहद खस्ता हो चली है। इसके अलावा ब्रिटिशकालीन आलीशान सरकारी बंगलों की उचित देखभाल न हो पाने के कारण इनकी हालत बेहद खराब हाे चुकी है।
सिविल लाइंस के एक बंगले में अतिक्रमणकारी का कब्जा है। यहां के कुछ बंगलों को आवारा श्वानों ने अपना ठिकाना बना लिया है। कुल 12 बंगले हैं जिनमें से 5 बंगले अब भी अच्छी हालत में हैं। इनमें से 2 बंगलों को लोक निर्माण विभाग के कार्यालयों में तब्दील कर दिया गया है। 2 बंगले अधिकारियों को निवास के लिए उपलब्ध कराए गए हैं तथा एक बंगले को गेस्ट हाउस बना दिया गया है। शेष 7 बंगलों को तोड़कर नई इमारत बनाने का प्रस्ताव है। निधि उपल्ब्ध न होने के कारण इन बंगलों को तोड़कर नई इमारतें तैयार करने का प्रस्ताव लंबित है। इस जमीन का उपयोग अन्य सरकारी कार्यालयों की आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए किया जा सकता है।
निवासियों में खौफ का माहाैल
सेमिनरी हिल्स स्थित सीपीडब्ल्यूडी कॉलोनी में टाइप-1 में 72, टाइप-2 में 440, टाइप-3 में 204, टाइप-4 में 148 व टाइप 5 में 48 क्वार्टर हैं। इनमें से अधिकांश क्वार्टर खाली हंै। जिन क्वार्टरों में कर्मचारी व उनका परिवार निवास करता है उनमें खौफ का माहौल साफ नजर आता है। क्वार्टर में रहने वाली कुछ महिलाओं के मुताबिक यह परिसर पहाड़ी व जंगली झाड़ियों से पटा पड़ा है। यहां असामाजिक तत्वों की सक्रियता के चलते शाम होते ही डर महसूस होने लगता है। सुरक्षा के प्रबंध नहीं होने के कारण क्वार्टरों में रहने वाले लोग रात्रि के वक्त घर से बाहर निकलने से कतराते हैं। असामाजिक तत्वों के साथ ही इस परिसर में सांप-बिच्छू आदि जहरीले जंतुओं का भी खतरा बना रहता है।
अधिकारी कर रहे अनदेखी
सेमिनरी हिल्स के क्वार्टरों की देखभाल न होने का प्रमुख कारण निधि का अभाव, कर्मचारियों की कमी तथा अधिकारियों की अनदेखी को माना जा रहा है। इस परिसर को साफ-सुथरा रखने व देखभाल के लिए बड़ी संख्या में कर्मचारियों की नियुक्ति की आवश्यकता है। इसके साथ ही अधिकारियों द्वारा भी परिसर की देखभाल के लिए उचित प्रयास किए जाने चाहिए। यह नहीं हो पाने के कारण परिसर में न तो अतिक्रमणकारियों के खिलाफ किसी प्रकार की दंडात्मक कार्रवाई की जा रही है और न ही सुरक्षा गार्ड तैनात किए जा रहे हैं।
ऑनलाइन मंजूरी मिलती है
नागपुर में केंद्रीय लोक निर्माण विभाग के तकरीबन 1900 क्वार्टर तथा 12 बंगले हैं। कर्मचारियों को क्वार्टर का अलाटमेंट ऑनलाइन प्रक्रिया के जरिए होता है।इस प्रक्रिया का पूर्ण रुप से संचालन दिल्ली मुख्यालय से होता है। जहां तक क्वार्टरों की देखरेख व रखरखाव का मामला है, यह जिम्मेदारी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग की है। कर्मचारियों द्वारा किसी प्रकार की खामियों की शिकायत करने पर उसे दूर करने का प्रयास यही विभाग करता है।
कविता उईके, सहायक संपदा अधिकारी, सीपीडब्ल्यूडी
Created On :   25 May 2018 2:46 PM IST