मामला 100 करोड़ उगाही का : हकीकत और दावों के बीच मीडिया को घेरने की कोशिश

Case of 100 crore extortion: media trying to surround reality and claims
मामला 100 करोड़ उगाही का : हकीकत और दावों के बीच मीडिया को घेरने की कोशिश
मामला 100 करोड़ उगाही का : हकीकत और दावों के बीच मीडिया को घेरने की कोशिश

डिजिटल डेस्क, नागपुर। महाराष्ट्र के गृहमंत्री अनिल देशमुख पर पुलिस आयुक्त परमबीर सिंह के उगाही के आरोपों पर 15 फरवरी को नागपुर में हुई पत्रकारों से चर्चा का मुद्दा  पूरे देश में गूंजता रहा। इस पर देशमुख ने सफाई देते हुए कहा था कि जब वे कोरोना का इलाज करवाकर बाहर निकल रहे थे, तो अचानक से पत्रकार उनके सामने आ गए। हालांकि इस दावे से हकीकत कुछ अलग थी।

पत्रकारों को सुबह 9.27 बजे मैसेज आया था
पत्रकारों को सुबह 9.27 बजे उनके अाधिकारिक वाट्सएप ग्रुप पर मैसेज आया था कि वे अस्पताल से डिस्चार्ज होने के बाद करीब 12.30 बजे पत्रकारों से चर्चा करेंगे, लेकिन 11.38 बजे वह मैसेज डिलीट कर दिया गया। इसके बाद कोविड-19 के उपचार के बाद मुंबई रवाना होने से पहले गृहमंत्री अनिल देशमुख की पत्रकारों से चर्चा अचानक रद्द की गई थी। उनके कार्यालय के संदेश पर मीडिया के प्रतिनिधि अस्पताल परिसर में पहुंच गए थे। ऐसे में मीडिया से जल्दबाजी में चर्चा करके वे विमानतल होते हुए मुंबई रवाना हो गए। इस बीच समाचार चैनल के प्रतिनिधि कैमरे लेकर अस्पताल में पहुंच गए। 

चर्चा से इनकार
गृहमंत्री ने स्वास्थ्य कारणों से अधिक चर्चा करने से इनकार किया, लेकिन लता मंगेशकर व सचिन तेंदुलकर के ट्वीट की जांच के मामले को लेकर उन्होंने ऐसे जवाब दिया मानों उसी विषय के लिए वे पत्रकार वार्ता ले रहे थे। मंगेशकर व तेंदुलकर के मामले को लेकर गृहमंत्री ने कहा था कि वे इन दोनों का सम्मान करते हैं। उन्होंने पहले जो बयान दिया था, उसका आशय बदलकर पेश किया गया। दरअसल संदेह है कि मंगेशकर व तेंदुलकर के ट्वीट के मामले में भाजपा के आईटी सेल की लिप्तता है। आईटी सेल की छानबीन की गई है। गृहमंत्री के निजी सहायक योेगेश कोठेकर के अनुसार कोविड प्रतिबंधक उपाययोजना के नियमों का पालन करते हुए पत्रकार चर्चा रद्द की गई थी। 

पहली तारीख से ही नागपुर में थे
गृहमंत्री अक्सर मुंबई में रहते हैं, लेकिन फरवरी में पहली तारीख से ही वे नागपुर में थे। राकांपा की जनसंवाद यात्रा के तहत 1 से 3 फरवरी तक वे राकांपा के प्रदेश अध्यक्ष जयंत पाटील के साथ दौरे पर रहे। 4 फरवरी को मोर्शी में बुखार आने पर वे नागपुर लौटे। कोविड-19 जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आने की जानकारी उन्होंने ट्वीट करके दी। 5 फरवरी को वे निजी अस्पताल में भर्ती हो गए। 7 फरवरी को उपमुख्यमंत्री अजित पवार व वरिष्ठ राकांपा नेता प्रफुल पटेल के साथ वे नगरसेवक अाभा पांडे के पार्टी प्रवेश कार्यक्रम में शामिल होनेवाले थे, लेकिन उन्होंने वीडियो कांफ्रेंस के माध्यम से ही वह कार्यक्रम संबोधित किया। इसी बीच वे वीडियो कांफ्रेंस से मुख्यमंत्री की चर्चा, अधिकारियों की चर्चा व ऑफिस स्टाफ की चर्चा में शामिल हुए थे। 
 

Created On :   23 March 2021 2:30 PM IST

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