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34615 करोड़ रुपए के घोटाला मामले में सीबीआई के छापे

डिजिटल डेस्क, मुंबई। केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) ने यूनियन बैंक ऑफ इंडिया की अगुआई वाले 17 बैंकों के समूह के साथ 34 हजार 615 करोड़ रुपए के घोटाले के मामले में दिवान हाउसिंग फाइनांस कॉर्पोरेशन लिमिटेड (डीएचएफएल) के प्रमोटरों कपिल और धीरज वधावन, कारोबारी सुधाकर शेट्टी और अन्य आरोपियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू की है। यह देश का अब तक का सबसे बड़ा बैंक घोटाला बताया जा रहा है जिसकी जांच सीबीआई ने शुरू की है। मामले में सीबीआई की टीमों ने बुधवार को मुंबई में कपिल और धीरज के साथ कारोबारी सुधाकर शेट्टी से जुड़े 12 ठिकानों पर छापेमारी की है। इससे पहले एबीजी शिपयार्ड द्वारा किया गया 23 हजार करोड़ रुपए का घोटाला सबसे बड़ा बैंकिंग घोटाला था। दर्ज एफआईआर के मुताबिक कपिल, धीरज वधावन और सुधाकर शेट्टी ने मिलकर बैंकों के समूह से 42871 करोड़ 42 लाख रुपए का कर्ज मंजूर कराया। इसके बाद डीएचएफएल के बही खातों में हेरफेर कर कर्ज के रुप में ली गई ज्यादातर रकम को दूसरे कामों में इस्तेमाल कर लिया गया। इसके बाद आरोपियों ने बैंकों की किश्त भी वापस नहीं की जिसके चलते उन्हें 34615 करोड़ रुपए का नुकसान हुआ।
संदेह है कि मामले में कुछ बैंक अधिकारी भी शामिल हैं। इसके चलते बैंकों की शिकायत के आधार पर मामले में आपराधिक साजिश, धोखाधड़ी, भ्रष्टाचार की संबंधित धाराओं के तहत आईपीसी, भ्रष्टाचार निरोधक कानून की संबंधित धाराओं के तहत एफआईआर दर्ज कर छानबीन शुरू कर दी गई है। मामले में कपिल, धीरज वधावन और सुधाकर शेट्टी के साथ डीएचएफएल, एमारिलिस रियल्टर्स, गुलमर्ग रियल्टर्स, स्काईलार्क बिल्डकान, दर्शन डेवलपर्स प्रायवेट लिमिटेड, सिग्तला कंस्ट्रक्शन्स प्रायवेट लिमिटेड, क्रिएटोज बिल्डर्स प्रायवेट लिमिटेड, टाउनशिप डेवलपर्स प्रायवेट लिमिटेड, शिशिर रियल्टी प्रायवेट लिमिटेड, सबलिंक रियल इस्टेट प्रायवेट लिमिटेड के साथ अज्ञात सरकारी कर्मचारियों और अन्य लोगों को भी आरोपी बनाया गया है। कपिल और धीरज वधावन यस बैंक से जुड़े बैंक घोटाला मामले में फिलहाल सलाखों के पीछे हैं।
Created On :   22 Jun 2022 7:56 PM IST