सुपारी तस्करी की जांच से सीबीआई को अलग किया जाए, याचिका दायर

CBI should be separated from betel smuggling investigation, petition filed
सुपारी तस्करी की जांच से सीबीआई को अलग किया जाए, याचिका दायर
सुपारी तस्करी की जांच से सीबीआई को अलग किया जाए, याचिका दायर

डिजिटल डेस्क, नागपुर । नागपुर सहित पूरे विदर्भ में सड़ी और हानिकारक सुपारी की तस्करी पर केंद्रित फौजदारी जनहित याचिका पर  बॉम्बे हाईकोर्ट की नागपुर खंडपीठ में सुनवाई हुई। इसमें सीबीआई ने अर्जी दायर करके कोर्ट से विनती की कि सीबीआई को इस मामले से अलग कर दिया जाए। सीबीआई के अनुसार, उनका "वर्कलोड" (कार्यभार) पहले ही बढ़ा हुआ है। सुपारी मामले की जांच डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस (डीआरआई) पहले की कर रहा है। ऐसे में सीबीआई को अब इस मामले से मुक्त किया जाना चाहिए। न्यायालयीन मित्र आनंद परचुरे ने इसका विरोध किया। दलील दी कि डीआरआई राष्ट्रीय स्तर पर मामले की पड़ताल कर रहा है। स्थानीय स्तर पर पड़ताल के लिए सीबीआई का मामले से जुड़े रहना जरूरी है। सभी पक्षों को सुनकर हाईकोर्ट ने मामले की सुनवाई 11 फरवरी को रखी है। 

यह था मामला
याचिकाकर्ता के अनुसार, इंडोनेशिया में ये सुपारी सड़क किनारे कचरे में फेंक दी जाती है। वही सुपारी उठाकर नेपाल के रास्ते यहां मंगाई जा रही है। आयात कानूनों को दरकिनार किया जा रहा है। इस याचिका में उन्होंने समय-समय पर नागपुर और आसपास के इलाकों में पकड़ी कई सड़ी सुपारी का मुद्दा उठाया है।

इंडोनेशिया की सुपारी
याचिकाकर्ता के अनुसार, नागपुर में सुपारी इंडोनेशिया से मंगाई जाती है। उत्पादन के दौरान खराब सुपारी वहां डंपिंग यार्ड में फेंक दी जाती है, जिसे नागपुर मंगाया जाता है। ऐसा कर शहरवासियों की जान से खिलवाड़ किया जा रहा है। नियमानुसार यह सुपारी आयात की जाए, तो इस पर 113 प्रतिशत ड्यूटी लगेगी। अगर भारत सार्क देशों के किसी सदस्य देश से सुपारी मंगाए तो उसपर मात्र 7 से 13 प्रतिशत ड्यूटी चुकानी पड़ती है। याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रसपाल सिंह रेणु के अनुसार, नागपुर शहर के कुछ सुपारी व्यापारियों ने इंडोनेशिया और नेपाल (जो कि सार्क सदस्य देश हैं) मंे फर्जी कंपनियां खोल रखी हैं। इंडोनेशिया मंे तैयार सुपारी फर्जी कंपनी की मदद से पहले नेपाल भेजी जाती है। फिर वहां से भारत। 

Created On :   23 Jan 2021 9:16 AM GMT

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