उमरेड पवनी करांडला में बाघों की गणना पूरी,अगले माह आएंगे आंकड़े

Census of tigers in Umred Pavni Karandla completed figures will come next month
उमरेड पवनी करांडला में बाघों की गणना पूरी,अगले माह आएंगे आंकड़े
उमरेड पवनी करांडला में बाघों की गणना पूरी,अगले माह आएंगे आंकड़े

डिजिटल डेस्क, नागपुर। अप्रैल माह के शुरुआत में वन विभाग की ओर से उमरेड-पवनी करांडला की फेस-4 बाघ गणना का कार्य पूरा किया गया है। अधिकृत आंकड़े अगले माह आएंगे। अभी तक यहां 8 बाघों की मौजूदगी है। सालभर में इनमें इजाफा होने के संकेत ज्यादा दिखाई दे रहे हैं। इसी तरह विदर्भ के अन्य व्याघ्र प्रकल्प में भी बाघों की गणना लगभग अंतिम चरण में है।  

बाघों के संरक्षण व संवर्धन के लिए देश में कितने बाघ मौजूद हैं, इसकी जानकारी जरूरी होती है। नेशनल टाइगर ऑथॉरिटी की ओर से प्रति 4 साल में एक बार बाघों की गणना की जाती है। जिसके बाद राज्य में भी बाघों की संख्या निर्धारित की जाती है। तीन साल पहले तक राज्य स्तर पर भी बाघों की गणना की जाती थी। पूनम के रात में चांद की रोशनी में मचान पर बैठकर यह गणना होती थी। जंगल में मचान को पानी के आसपास  बनाये जाते थे ऐसा माना जाता है कि   रात में वन्यजीव पानी पीने के लिए आते हैं इस वक्त इनकी गणना की जाती थी।

मचान पर पर्यटन प्रेमियों को भी बैठने का मौका मिलता था। मचान गणना में कई बार एक वन्यजीव की बार-बार गणना हो जाती थी ऐसे में इसे अधिकृत नहीं मानाते हुए इसे केवल नैसर्गिक अनुभव तक सीमित रखा जाता था। बाघों की गणना के लिए केवल एनटीसीए पर निर्भर रहना पड़ता था। यह ऑथॉरिटी 4 साल में एक बार बाघों की गणना करती है। जिससे 4 साल में राज्य के बाघों की क्या स्थिति है, यह समझ से परे रहती है। वहीं इनके लिए उपाय योजना भी ठीक से नहीं हो पाती ।

बाघों के संर्वधन के लिए अब राज्य सरकार ने अहम कदम उठाया है। इस साल राज्य के वनक्षेत्र से लेकर पार्क, जू यहां तक बाघ वाले इलाकों में बाघों की गणना की जा रही है। जिससे आनेवाले समय में बाघों की संख्या से लेकर बाघों की गतिविधियों को समझना आसान हो जाएगा। इस ही दिशा में हाल ही में उमरेड़-पवनी करांडला के बाघों की गणना पूरी हो गई है। नागपुर वन परिक्षेत्र का उमरेड करांडला पर्यटकों के लिए आकर्षण का केन्द्र है। यहां तेंदुए से लेकर बाघों की मौजूदगी है। उमरेड करांडला में बाघों की संख्या दिन ब दिन बढ़ती जा रही है। यहां वर्तमान स्थिति में 8 के करीब बाघ हैं। जिसमें 4 बाघ बाहर से यानी ब्रम्हपुरी, ताडोबा आदि क्षेत्र से आये हैं। इसे अलावा यहां टी-6, कॉलर बाघिन आदि शामिल है। ऐसे में इस बार इनकी संख्या में निश्चित तौर पर इजाफा होने के संकेत विभाग को मिले हैं। 
  
हाल ही में बाघों की गणना फेस-4 का काम पूरा हो गया है। अगले माह तक आंकड़े सामने आ सकते हैं।
- राहुल गवई, डीएफओ, वाइल्ड लाइफ वन्यजीव बोर अभयारण्य नागपुर 

Created On :   7 April 2020 4:30 PM IST

Tags

और पढ़ेंकम पढ़ें
Next Story