मदद के मामले में राज्यों के साथ भेदभाव न करे केंद्र सरकारः पवार

Central government should not discriminate against states in terms of help: Pawar
मदद के मामले में राज्यों के साथ भेदभाव न करे केंद्र सरकारः पवार
आपदा प्रभावितों की मदद के लिए जल्द लेंगे फैसला  मदद के मामले में राज्यों के साथ भेदभाव न करे केंद्र सरकारः पवार

डिजिटल डेस्क,मुंबई। उपमुख्यमंत्री अजित पवार ने कहा है कि आपदा में सभी राज्यों की मदद के लिए केंद्र सरकार की भूमिका एक जैसी रहेगी तो वह ज्यादा उपयुक्त होगी। केंद्र सरकार को मदद के लिए राज्यों के साथ भेदभाव नहीं करना चाहिए। क्योंकि इसके पहले केंद्र सरकार ने आपदा के समय बिना मांगें राज्यों को हजारों करोड़ रुपए की मदद की घोषणा की थी।  उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में आपदा से हुए नुकसान के अनुपात में केंद्र सरकार से मदद की मांग की जाती है लेकिन यह केंद्र सरकार पर निर्भर है कि वह कितनी आर्थिक मदद देती है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में अतिवृष्टि और बाढ़ की स्थिति की आपदा से हुए नुकसान की पूरी जानकारी उपलब्ध होने के बाद ही राज्य सरकार प्रभावितों को मदद करने का फैसला करेगी। फिलहाल आपदा प्रभावित जिलों में पंचनामा का काम शुरू है। जिन इलाकों में ज्यादा पानी है वहां पर ड्रोन के जरिए तस्वीरें निकालने को कहा गया है। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने भी मुझसे कहा है कि आपदा प्रभावितों को मदद के लिए जल्द से जल्द फैसला लिया जाएगा। 

मांगी गई है नुकसान की जानकारी 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित जिलों के पालक मंत्रियों, किसानों और नागरिकों से मदद के लिए अलग-अलग मांगें आ रही हैं। इसके मद्देनजर राज्य सरकार ने विभागीय आयुक्तों और जिलाधिकारियों से आपदा से हुए नुकसान की पूरी जानकारी मांगी है। नुकसान की जानकारी मिलने के बाद मदद की बाबत फैसला लिया जाएगा। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा प्रभावित किसानों को फसल बीमा की राशि उपलब्ध कराने की कोशिश की जाएगी। इसके लिए फसल बीमा कंपनियों से चर्चा की गई है। सरकार की ओर से फसल बीमा कंपनियों को 950 करोड़ रुपए का चेक सौंपा गया है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य में अतिवृष्टि के कारण फसलों का बड़े पैमाने पर नुकसान हुआ है। नांदेड़ और औरंगाबाद में कई जिलों में बांध से पानी छोड़ने की नौबत आई है।

जलयुक्त के कामों के कारण बाढ़ की स्थिति पैदा होना जांच और शोध का मामला 
पर्यावरणवादी अतुल देऊलगावकर ने आरोप लगाया है कि पूर्व की भाजपा सरकार की जलयुक्त शिवार योजना के कारण मराठवाड़ा में बाढ़ की स्थिति पैदा हुई है। इस पर उपमुख्यमंत्री ने कहा कि यह जांच और शोध का मामला हो सकता है। कई जगहों पर जलसंचय के लिए जलयुक्त के कामों के बाद मिट्टी को नालों के बगल में रख दिया गया था। 

केंद्र सरकार उपलब्ध कराए निधि 
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि कोरोना की बीमारी के कारण मृत हुए लोगों के परिजनों को 50-50 हजार रुपए की मदद के लिए केंद्र सरकार को प्रदेशों को राज्य आपदा मोचन को (एसडीआरफ) में निधि उपलब्ध कराना चाहिए। जिससे बाद राज्य सरकार एसडीआरफ के माध्यम से मृतकों के परिजनों को मदद मुहैया करा सकेगी। गठबंधन की सरकार में फैसले के बाद संतुष्ठ होना ही पड़ता है उपमुख्यमंत्री ने दावा किया कि मनपा के चुनावों में तीन सदस्यीय प्रभाग प्रणाली लागू करने को लेकर महाविकास आघाड़ी में कोई मतभेद नहीं है। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि गठबंधन की सरकार चलाते समय कोई फैसला होने के बाद संतुष्ठ होना ही पड़ता है। इसके पहले प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष नाना पटोले ने राज्य कार्यकारिणी की बैठक में मंत्रिमंडल के फैसले के विरोध में प्रस्ताव पारित किया था। इस पर उपमुख्यमंत्री ने नाम लिए बिना नाराजगी जताते हुए कहा कि किसी फैसले के बाद बिना कारण बयानबाजी करके गठबंधन में गलतफहमी पैदा नहीं करना चाहिए।

उन्होंने कहा कि पटोले को अपनी भूमिका व्यक्त करने का अधिकार है पर ऐसा भी नहीं समझना चाहिए कि आकाश पाताल गिर गया है। मंत्रिमंडल की बैठक में कांग्रेस की ओर से राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात और सार्वजनिक निर्माण कार्य मंत्री अशोक चव्हाण मौजूद थे। चव्हाण ने तो कहा था कि चार सदस्यीय प्रभाग प्रणाली लागू होनी चाहिए। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि सदस्यों की संख्या को लेकर मंत्रियों की अलग-अलग राय थी। मंत्रिमंडल की बैठक में अलग-अलग मंत्रियों ने दो, तीन और चार सदस्यीय प्रभाग पद्धति लागू करने का सुझाव दिया था। लेकिन मुख्यमंत्री ने बीच का रास्ता निकालते हुए तीन सदस्यीय प्रणाली लागू करने का फैसला किया है। 
 

Created On :   30 Sep 2021 1:38 PM GMT

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