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नया पत्र जारी, रेरा के नियमों में फिर बदलाव

डिजिटल डेस्क,जबलपुर। रियल एस्टेट रैग्यूलेटरी एण्ड डेवेलपमेंट एक्ट (रेरा) को लेकर उलझनें थमने का नाम नहीं ले रही है। पहले जहां भू-संपदा विनियामक प्राधिकरण के अध्यक्ष एन्टोनी डिसा ने पत्र जारी कर सभी बिल्डर्स की सभी परियोजाओं को रेरा के तहत पंजीयन कराना अनिवार्य कर दिया था। वहीं अब प्राधिकरण की ओर से एक नया पत्र जारी हुआ है, जिसमें जून में जारी पत्र को लेकर स्पष्टीकरण दिया है।
प्राधिकारण के सचिव के जारी किए गए पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि अप्रैल माह के पूर्व की परियोजनाओं को एक्ट के तहत रजिस्ट्रेशन करवाना अनिवार्य नहीं है। जून माह में जारी पत्र में भू-संपदा अधिनियम की धारा 3 के अनुसार पालन करने हेतु कुछ परियोजनाओं की सम्पत्ति को एक्ट के अनुसार अपेक्षित रेरा पंजीयन किए बगैर उनकी बिक्री को प्रतिबंधित किए जाने की अपेक्षा की गई थी। इसके तहत 30 अप्रैल को अपूर्ण परियोजनाओं, जिनमें सक्षम प्राधिकारी नगर निगम, नगर पालिका, ग्रामीण क्षेत्र में पंचायत या अनुविभागीय अधिकारी राजस्व से पूर्णता पत्र जारी न हुआ हो।
इसके अलावा नवीन रियल एस्टेट परियोजाओं को ही रेरा में पंजीयन कराना अनिवार्य है। पत्र में यह स्पष्ट किया गया है कि पुरानी परियोजनाओं की सम्पत्ति जो कि 30 अप्रैल 2017 के पहले पूर्ण हो चुकी है, उनकी नई बिक्री एवं पुरानी परियोजनाओं में किसी व्यक्ति की बेची जा रही वह सम्पत्ति जो सीधे बिल्डर से नहीं खरीदी जा रही है उनमें पंजीयन कराना आवश्यक नहीं है।
इस पत्र के जारी होने के बाद ही बिल्डर्स के बीच नए सिरे से चिंतन मनन शुरु हो गया है। बिल्डर्स इस दिशा में विचार विमर्श कर रहे हैं कि उन्होंने 30 अप्रैल के पूर्व उनकी परियोजनाओं की पूर्णता का प्रमाण पत्र सक्षम प्राधिकारी से लिया है या नहीं। इसके अलावा उन बिल्डर्स ने राहत की सांस ली है जिन्होंने पत्र में उल्लेखित की गई निर्धरित तिथि से पूर्व ही सारी औचारिकताएं पूरी कर ली थी।
Created On :   16 July 2017 11:21 AM IST