सजायाफ्ता कैदी की संदिग्ध मौत पर बवाल, परिजनों ने घेरा कलेक्ट्रेट, प्रताड़ना का आरोप

Chhatarpur district jail prisoner death during treatment in gwalior
सजायाफ्ता कैदी की संदिग्ध मौत पर बवाल, परिजनों ने घेरा कलेक्ट्रेट, प्रताड़ना का आरोप
सजायाफ्ता कैदी की संदिग्ध मौत पर बवाल, परिजनों ने घेरा कलेक्ट्रेट, प्रताड़ना का आरोप

डिजिटल डेस्क  छतरपुर । जिला जेल के सजायाफ्ता कैदी की इलाज के दौरान  ग्वालियर में संदिध मौत से बवाल मच गया है । सोमवार को  जवान बंदी की अचानक मौत की सूचना से नाराज परिजनों समेत ग्रामीणों ने कलेक्ट्रेट का घेराव कर जेल प्रबंधन के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए चार सदस्यीय टीम से मृतक का पीएम कराने की मांग की है । दरअसल दो फरवरी को पेट दर्द की शिकायत पर महराजपुर के हरपाईहार निवासी हरदास कुशवाहा को जिला अस्पताल में भर्ती किया गया था । आरोप है कैदी के बीमार होने की खबर मिलने पर उसके परिजन देखने के आए थे, लेकिन जेल के पुलिस कर्मियों ने उसकी हालत गंभीर होने की बात कहते हुए दूर से दिखा कर रवाना कर दिया । इतना ही नहीं कैदी की तबियत बिगडऩे से जेल प्रबंधन उसके परिजनों को सूचना दिए बगैर उसे मेडिकल कॉलेज ग्वालियर  में भर्ती कर दिया । ग्वालियर में इलाज के दौरान बंदी की मौत की सूचना पांच फरवरी को मिलने परिजनों जेल प्रबंधन की भूमिका पर गंभीर सवाल उठाया है । प्रदर्शन के बाद  डिप्टी कलेक्टर दिव्या अवस्थी को ज्ञापन सौंप कर परिजनों न्यायिक जांच करने की मांग की है । छतरपुर में पीएम करने की जिद पर अड़े ग्वालियर में बंदी की संदिग्घ मौत को लेकर ग्रामीणों के साथ पहुंचे परिजनों ने छतरपुर जिला अस्पताल की चार सदस्यीय टीम से कैदी के शव का
पोस्टमार्टम करने को लेकर यहां धरना दिया है। परिजनों ने ग्वालियर जाने से इनकार करते वरिष्ठ न्यायिक मजिस्ट्रेट से जांच को लेकर प्रशासन से मांग की है।
रेप के आरोप में काट रहा था जेल
मासूम बालिका के साथ रेप के मामले में विशेष न्यायाधीश की अदालत ने आरोपी हरदास कुशवाहा को दस वर्ष के कारावास की 31  मार्च 2015 को सजा सुनाई थी, तब से वह जेल में सजा भुगत रहा था ।परिजनों ने आरोप लगाया है कि जब वे मुलाकात के लिए जेल जाते थे तो उसका पुत्र जेल प्रबंधन द्वारा अमानवीय
तरीके से मारपीट की बात बताता था। जेल प्रबंधन द्वारा गुपचुप तरीके से बंदी को  ग्वालियर ले जाने से परिजनों ने अफसरों की भूमिका पर आशंका जाहिर की है।
प्रताडि़त करने के आरोप बेबुनियाद
परिजनों के आरोप सामने आने के बाद सामने आने के बाद जेल अधीक्षक पीसी बड़ेनिया ने सफाई देते हुए, इसे बेबुनियाद बताया है। उन्होंने कहा की बंदी
को प्रबंधन द्वारा कभी भी प्रताडि़त नहीं किया गया है । बंदी के  ग्वालियर रैफर की  जानकारी देने में जरूर देरी हुई है, लेकिन  मौत की सूचना  मिलने के बाद तत्काल सूचित किया गया है।
इनका कहना है
व्मृतक बंदी के पिता राजाराम ने ज्ञापन सौंपते हुए मेडिकल बोर्ड से जांच करने की मांग की गई है। घटना की  जांच कराकर कार्रवाई सुनिश्चित की जाएगी।
दिव्या अवस्थी, डिप्टी कलेक्टर

Created On :   6 Feb 2018 1:55 PM IST

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