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सरकार के बड़े-बड़े दावे खोखले साबित हुए हैं : चिदंबरम

डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। पूर्व केन्द्रीय मंत्री और कांग्रेस सांसद पी चिदंबरम ने आर्थिक क्षेत्र में देश की धीमी प्रगति के लिए मोदी सरकार को जिम्मेदार ठहराया है। उन्होंने कहा है कि आर्थिक मंदी छाने की जो आशंका व्यक्त की गई थी, वह अब सच साबित हुई है।
निर्यात घटने से कृषि क्षेत्र प्रभावित: श्री चिदंबरम ने यहां जारी बयान में कहा कि भाजपा सरकार के मजबूत विकास दर के बड़े-बड़े दावे अब खोखले साबित हुए हैं। जीडीपी में 2016-17 में 7.1 प्रतिशत की विकास दर के मुकाबले वर्ष 2017-18 के दौरान जीडीपी में वृद्धि दर 6.5 प्रतिशत रहने का अनुमान है। आर्थिक वृद्धि में गिरावट का सीधा मतलब है लाखों नौकरियों का नुकसान। अभी देश में निवेश गिर चुका है तो असंगठित क्षेत्र नोटबंदी की मार के बाद अब तक उबर नहीं पाया है। नई नौकरियों पर विराम लग गया है, निर्यात गिर रहा है तो कृषि क्षेत्र पर गहरी मार पड़ी है।
रिटेल क्षेत्र में महंगाई बढ़ी: पूर्व वित्त मंत्री ने कहा कि अपनी मौलिक कीमतों पर वास्तविक जीवीए की अनुमानित वृद्धि दर 2017-18 में 6.1 प्रतिशत थी, जबकि वर्ष 2016-17 मेंं यह 6.6 प्रतिशत थी। रिटेल क्षेत्र में महंगाई 15 महीनों में सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंचकर नवंबर में 4.88 प्रतिशत हो गई है। उन्होने आरोप लगाया कि हाल ही में समाज में छाई अशांंति इस आर्थिक मंदी का परिणाम थी, जिसे भाजपा ने निपुणता से दबा दिया। अब समय आ गया है कि भाजपा सरकार खोखले दावे करना बंद कर कुछ ठोस काम करके दिखाए। चिदंबरम ने कहा कि अपने जीवीए में कृषि, वन एवं मत्स्य पालन क्षेत्र का 2017-18 के दौरान 2.1 प्र.श. वृद्धि का अनुमान है,जबकि पिछले वर्ष यह दर वृद्धि 4.9 प्रतिशत थी। पिछली दो तिमाही में यह क्रमश: 1.7 प्र.श. और 2.3 प्र.श. इस प्रकार वर्ष 2017-18 के लिए निर्माण क्षेत्र से मौलिक कीमतों पर जीवीए 4.6 प्र.श. बढ़ने का अनुमान है,जबकि 2016-17 में यह वृद्धि 7.9 प्रतिशत थी।चिदंबरम ने कहा कि भारतीय कंपनियों द्वारा नई परियोजनाओं की घोषणा 13 साल में सबसे नीचे गिरकर दिसंबर की तिमाही में 77,000 करोड़ रुपए पहुंच गई है।
Created On :   6 Jan 2018 8:09 PM IST