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शिवसेना के विरोध का असर नहीं, महाराष्ट्र में लगेगी ग्रीन रिफायनरी

डिजिटल डेस्क, मुंबई। भाजपा के सहयोगी दल शिवसेना के तमाम विरोध के बावजूद मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस रत्नागिरी ग्रीन रिफाइनरी परियोजना को लेकर अडिग हैं। शुक्रवार को मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार चाहती है कि ग्रीन रिफाइनरी परियोजना महाराष्ट्र में लगे। उन्होंने बताया कि केंद्र सरकार और सऊदी अरब की तेल कंपनी सऊदी अरामको के बीच बेस्ट कोस्ट रिफायनरी के लिए करार हुआ है। इस करार में रत्नागिरी, कोंकण या फिर महाराष्ट्र का उल्लेख नहीं है। लेकिन भारत में दुनिया की सबसे बड़ी रिफायनरी बनाने के केंद्र सरकार के फैसले के बाद प्रदेश सरकार भी चाहती है कि राज्य में ग्रीन रिफायनरी परियोजना आए। क्योंकि बेस्ट कोस्ट का बड़ा हिस्सा महाराष्ट्र में आता है।
स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर ही परियोजना का काम शुरू होगा
मुख्यमंत्री ने कहा कि शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे जब मुझसे मिलने आए थे, तब भी मैंने स्पष्ट किया था कि रत्नागिरी के स्थानीय लोगों को विश्वास में लेकर ही परियोजना का काम शुरू किया जाएगा। सरकार ने इसी आधार पर काम आगे बढ़ाया है। किसी से जबरदस्ती नहीं की जा रही है। इसके बावजूद अभी भी लोगों से बातचीत चल रही है। लोगों को विश्वास में लेकर ही आगे का काम किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि रत्नागिरी के नाणार गांव वालों को गलत गलतफहमी है कि परियोजना से बहुत ज्यादा प्रदूषण होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि मैंने नाणार गांव के कुछ लोगों को बताया है कि मुंबई के चेंबूर में 50 सालों से रिफायनरी है। यहां पर कोई प्रदूषण नहीं है। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना से प्रदेश के लोगों को काफी फायदा होगा। लगभग एक लाख लोगों को सीधे रोजगार मिल सकेगा।
पवार से मिले परियोजना प्रभावित
दूसरी ओर रत्नागिरी के परियोजना प्रभावित लोगों ने राष्ट्रवादी कांग्रेस के अध्यक्ष शरद पवार से मुलाकात की। पवार ने गांव वालों को 10 मई को रत्नागिरी आने का आश्वासन दिया। नाणार संघर्ष समिति के सदस्यों ने बताया कि हम लोगों को पवार ने खुद रत्नागिरी में आने का आश्वासन दिया है।
Created On :   13 April 2018 8:48 PM IST