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रिफायनरी परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री ने किया विश्वासघात : उद्धव

डिजिटल डेस्क, मुंबई। रत्नागिरी ग्रीन रिफायनरी परियोजना के लिए देश की अग्रणी तेल कंपनियों और सऊदी अरब की तेल कंपनी सऊदी अरामको के बीच करार होने के बाद शिवसेना ने आक्रामक रूख अपना लिया है। शिवसेना पक्ष प्रमुख उद्धव ठाकरे ने सीधे मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस पर हमला बोला है। उद्धव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने विश्वासघात किया है। रिफायनरी परियोजना को लेकर मुख्यमंत्री ने अब यू टर्न ले लिया है। उद्धव ने कहा कि मुख्यमंत्री ने आश्वस्त किया था कि रत्नागिरी के नाणार गांव वालों का विरोध होने पर परियोजना को जबरन लादने का प्रयास नहीं किया जाएगा।
सरकार परियोजना प्रभावित गांव वालों के साथ खड़ी रहेगी। लेकिन अब इस रिफाइनरी परियोजना को गांव वालों पर जबरन लादने के लिए करार किया गया है। इससे साफ होता है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के शब्दों की दिल्ली में कोई कीमत नहीं है। उद्धव ने कहा कि विकास के नाम पर कोंकण के वैभव को नष्ट नहीं होने देंगे। कोंकण में आम और बांस के पेड़ों को नष्ट कर उसकी राख से रंगोली न खेली जाए। यह बातें मुख्यमंत्री को दिल्ली में कहना चाहिए था। मुख्यमंत्री को केंद्र के सामने स्पष्ट रूप से कहना चाहिए था कि कोंकण की जनता पर हो रहे अन्याय पर मैं चुप नहीं बैठूंगा। लेकिन मुख्यमंत्री ने यू टर्न ले लिया है। उद्धव ने कहा कि मुख्यमंत्री भले ही पलट गए हैं लेकिन शिवसेना किसी भी स्थिति में यह परियोजना पूरी नहीं होने देगी। स्थानीय लोगों के विरोध को नजरअंदाज कर कोंकण में विनाशकारी परियोजना नहीं लाने देंगे।
मुख्यमंत्री से मिले राणे
दूसरी ओर महाराष्ट्र स्वाभिमान पक्ष के अध्यक्ष व राज्यसभा सदस्य नारायण राणे ने मुख्यमंत्री से इस मसले पर मुलाकात की। उन्होंने मुख्यमंत्री से परियोजना प्रभावित गांव वालों की नाराजगी से अवगत कराया। राणे ने कहा कि केंद्र सरकार ने करार कर लिया है, इसका मतलब यह नहीं है कि मेगा रिफायनरी परियोजना कोंकण में आ रही है। परियोजना को लागू करने के लिए गांवों वालों की सहमति जरूरी है। रत्नागिरी में गांव वाले लगातार विरोध कर रहे हैं। परियोजना के लिए काम भी नहीं शुरू हुआ है। राणे ने कहा कि मैं जैतापुर परियोजना की तरह ग्रीन रिफायनरी का समर्थन किसी भी हालत में नहीं करूंगा। इस बीच रत्नागिरी में जमावबंदी कानून लागू होने के कारण गांव वाले केंद्र सरकार के फैसले का विरोध नहीं कर पाए। इस परियोजना में देश की तीन शीर्ष तेल कंपनियों इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन, भारत पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन और हिंदुस्तान पेट्रोलियम कॉर्पोरेशन शामिल हैं।
Created On :   12 April 2018 6:36 PM IST