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मुख्यमंत्री ने लांच की ई-फसल सर्वेक्षण परियोजना

डिजिटल डेस्क, मुंबई। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है कि प्रदेश में जिलों की विशेषताओं को पहचान कर एक जिला, एक फसल का ब्रांड बनाना आवश्यक है। उन्होंने कहा कि ‘जो बिकेगा, वही बोया जाएगा’ परिकल्पना के साथ काम करते हुए ‘एक जिला, एक फसल’ का ब्रांड तैयार करना जरूरी है। बाजार की मांग के अनुसार उत्पाद की आवश्यकता का पता लगाने के बाद फसलों की बुवाई करना चाहिए। तभी किसानों को उत्पाद का न्यूनतम समर्थन मूल्य नहीं बल्कि हमखास दाम मिल सकेगा। प्रदेश के राजस्व और कृषि विभाग की ओर से स्वतंत्रता दिवस पर 15 अगस्त से ई-फसल सर्वेक्षण परियोजना चलाई जाएगी। इस परियोजना के लिए टाटा ट्रस्ट के सहयोग मोबाइल एप तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री ने राज्य अतिथिगृह सह्याद्री में ‘ई-फसल सर्वेक्षण परियोजना’ का ऑनलाइन लोकार्पण किया। मुख्यमंत्री ने कहा कि ई-फसल सर्वेक्षण परियोजना देश के लिए मार्गदर्शक साबित होगी। यदि पूरे देश ने इस परियोजना का उपयोग करना शुरू किया तो पता चल सकेगा कि कपास और सोयाबीन की फसलों का उत्पादन कौन से प्रदेश और जिलों में बेहतर हो सकता है। मुख्यमंत्री ने कहा कि हर दिन वातवरण में बदलाव होता है। कभी अतिवृष्टि होती है और कभी अधिक बारिश के कारण फसलों का नुकसान होता है। ऐसी स्थिति में किसानों को नुकसान भरपाई देने के लिए यह एप उपयोगी होना चाहिए। जबकि प्रदेश के राजस्व मंत्री बालासाहब थोरात ने कहा कि ई-फसल सर्वेक्षण परियोजना प्रत्येक परिवार से जुड़ने वाली परियोजना है।
किसानों को एप के जरिए फसलों के पंजीयन के बारे में अगले 15 दिन तक प्रशिक्षण दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि पहले किसानों के फसलों का पंजीयन पटवारी (तलाठी) करते थे लेकिन अब एप पर किसान खुद फसलों का ऑनलाइन पंजीयन कर सकेंगे। इसके बाद आखिर में किसानों के फसलों के पंजीयन की जांच पटवारी करेंगे। इससे फसलों की बुवाई की रियल टाइम जानकारी संकलित होगी। फसलों के उगने की स्थिति के बारे में पता चल सकेगा। वहीं प्रदेश के कृषि मंत्री दादाजी भुसे ने कहा कि इस परियोजना से किसानों को फसल कर्ज और बीमा की राशि आसानी से उपलब्ध हो सकेगा।
Created On :   13 Aug 2021 7:19 PM IST