- Home
- /
- ठाकरे सरकार का प्रस्ताव वापस करने...
ठाकरे सरकार का प्रस्ताव वापस करने मुख्यमंत्री ने लिखा पत्र

डिजिटल डेस्क, मुंबई। ठाकरे सरकार फैसलों को बदलने में जुटी राज्य की शिंदे-फडणवीस सरकार ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी को विधान परिषद के लिए प्रस्तावित 12 विधायकों के नामों की वह सूची वापस लेने की मांग की है, जिसे राज्य की पूर्ववर्ती महा विकास आघाडी सरकार ने राजभवन भेजा था। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने 12 विधायकों के नाम की सूची को वापस लेने का अनुरोध किया है। सूत्रों के अनुसार राज्यपाल ने मुख्यमंत्री का यह अनुरोध स्वीकार कर लिया है। अब शिंदे सरकार की तरफ राज्य मंत्रिमंडल की बैठक में प्रस्ताव पारित कर 12 नामों की नई सूची राज्यपाल को भेजी जाएगी। राज्यपाल विधान परिषद के लिए साहित्य, पत्रकारिता, कला व समाजसेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वाले 12 सदस्यों को विधान परिषद सदस्य नियुक्त कर सकते हैं। हालांकि राज्यपाल यह कार्य मंत्रिमंडल की सिफारिश के अनुसार करते हैं। ठाकरे सरकार की कैबिनेट ने 6 नवंबर, 2020 को विधान परिषद के लिए 12 लोगों के नामों की सिफारिश की थी। मामला हाईकोर्ट भी पहुंचा लेकिन राज्यपाल ने इस पर कोई फैसला नहीं लिया।
जल्द ही भेजी जाएगी नई सूची
मिली जानकारी के अनुसार जल्द ही शिंदे सरकार की तरफ से राज्यपाल को नई सूची भेजी जाएगी। शिंदे सरकार ने महाविकास आघाड़ी सरकार की तरफ से भेजी गई सूची को वापस लेने के फैसले से उद्धव ठाकरे को बड़ा झटका दिया है। इसके पहले तत्कालीन महाविकास आघाड़ी सरकार ने ढाई साल के शासन के दौरान राज्यपाल को दो बार सूची भेजी थी, लेकिन राज्यपाल ने तकनीकी और कानूनी मुद्दों को उठाते हुए इसे मंजूरी प्रदान नहीं की। इस वजह से महाविकास आघाड़ी सरकार और राज्यपाल के बीच विवाद भी पैदा हुआ था। मामला अदालत तक भी पहुंचा था और हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्यपाल को लंबे समय तक कैबिनेट के फैसले को लटकाकर नहीं रखना चाहिए। अदालत ने अपेक्षा व्यक्त की थी कि राज्यपाल और सरकार के बीच समन्वय होना चाहिए, तभी राज्य का कामकाज ठीक तरीके से चल सकेगा।
‘महाविकास आघाड़ी सरकार ने कैबिनेट में प्रस्ताव पारित कर नाम राज्यपाल के पास भेजे थे। हमने कई बार राज्यपाल महोदय से इस बारे में निवेदन किया था। वे कहते थे कि मैं देख रहा हूं...मेरा काम चालू है। लेकिन आखिरी में कुछ भी नहीं हुआ।’ अजीत पवार, विस में विपक्ष के नेता
‘अब सोचना पड़ रहा है कि देश में संविधान का अस्तित्व बचेगा अथवा नहीं। राज्यपाल जैसे महत्वपूर्ण पदों पर ऐसे लोगों की नियुक्ति की जा रही है जो संविधान नहीं भाजपा के आदेशों का पालन करते हैं। हाईकोर्ट की टिप्पणी के बावजूद राज्यपाल ने 12 नामों का मंजूरी नहीं दी। यह दुर्भाग्यपूर्ण बात है।’ सचिन सावंत, प्रदेश कांग्रेस के महासचिव
Created On :   3 Sept 2022 7:34 PM IST