सीएम का यह ड्रीम प्रोजेक्ट हो सकता है लेट, किसानों के विरोध के कारण रुका है काम

chief misnisters dream project may be gone late due to protest
सीएम का यह ड्रीम प्रोजेक्ट हो सकता है लेट, किसानों के विरोध के कारण रुका है काम
सीएम का यह ड्रीम प्रोजेक्ट हो सकता है लेट, किसानों के विरोध के कारण रुका है काम

डिजिटल डेस्क, नागपुर।  सीएम फडणवीस के ड्रीम प्रोजेक्ट नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेस वे प्रोजेक्ट का भूमिपूजन और लेट होने के आसार दिखाई दे रहे हैं। बता दें कि एमएसआरडीसी पहले इस प्रोजेक्ट का भूमिपूजन अक्टूबर 2017 में करना चाहती थी, लेकिन किसानों के विरोध व कई महीने तक एमएसआरडीसी के मुखिया का पद खाली रहने से टेंडर फ्लोट (जारी) करने में विलंब हुआ। 90 फीसदी जमीन का अधिग्रहण होने के बाद ही भूमिपूजन किया जा सकता है। नाशिक में किसानों के विरोध का असर प्रोजेक्ट पर हो रहा है।  

एक साथ 5 स्थानों पर होना है भूमिपूजन
8 लेन समृद्धि एक्सप्रेस-वे का भूमिपूजन नागपुर के जामठा सहित 5 स्थानों पर एकसाथ होना है। पहले यह भूमिपूजन अप्रैल 2017 में करने की एमएसआरडीसी की योजना थी, लेकिन समूचित जमीन अधिगृहीत नहीं होने से यह प्रक्रिया आगे बढ़ाई गई। इसके बाद अक्टूबर 2017 व फिर जनवरी 2018 में भूमिपूजन करने की योजना थी, लेकिन एमएसआरडीसी के मुखिया घूसखोरी कांड में फंसने से मामला फिर आगे बढ़ गया। कई महीनों तक एमएसआरडीसी का काम बगैर मुखिया के ही चलता रहा। 12 फरवरी को टंेडर फ्लोट (जारी) हुए। 27 मार्च तक आॅनलाइन टेंडर भरे जा सकेेंगे। अप्रैल महीने में इसकी स्क्रूटिनी होगी। लोवेस्ट रेट देेखने के साथ ही फाइनांसिल बीट भी देखी जाएगी। संबंधित कंपनी से सिक्योरिटी भी जमा कराई जाएगी। यह सारी प्रक्रिया मई तक चलेगी आैर मई के अंत तक भूमिपूजन हो सकता है। एमएसआरडीसी मुख्यालय की आेर से डिवीजन आफिसों को कोई प्रोग्राम प्राप्त नहीं हुआ है। भूमिपूजन जून तक भी बढ़ सकता है। 

यहां से देश-विदेश जाते हैं अंगूर और किसमिस
भूमिपूजन करते समय 90 फीसदी जमीन अधिगृहीत करने का सरकार का इरादा है, लेकिन नाशिक व अन्य जगह जमीन अधिग्रहण का भारी विरोध हो रहा है। समृद्धि एक्सप्रेस वे के लिए कुल 20820 हेक्टेयर जमीन अधिगृहीत करनी है, जिसमें 17499 हेक्टेयर खेती की जमीन है।  नागपुर में 92.5 फीसदी व वर्धा में 82 फीसदी जमीन का अधिग्रहण हो चुका है। नाशिक में सिंचित जमीन है आैर यहां द्राक्ष से शराब व बियर बनाई जाती है। साल भर अंगूर की खेती की जाती है। यहां से अंगूर व किसमिस देश-विदेश में जाते हैं। किसानों के विरोध के कारण ही जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया कुछ विशेष क्षेत्रों में गति नहीं पकड़ पा रही है। 

इस रास्ते से गुजरेगा एक्सप्रेस वे 
नागपुर से मुंबई तक समृद्धि एक्सप्रेस-वे सफर नागपुर, वर्धा, अमरावती, वाशिम, बुलडाणा, जालना, आैरंगाबाद, अहमदनगर, नाशिक होते हुए ठाणे पहुंचेगा। ठाणे से आगे यह रास्ता मुंबई मार्ग से जुड़ जाएगा। 

रन-वे बनना मुश्किल 
समृद्धि एक्सप्रेस-वे पर 4 जगह रन-वे बनाने की योजना थी। 150-150 किमी के फासले पर रन-वे बनने थे। रक्षा व नागरी उड्डयण मंत्रालय की तरफ से इसे अभी तक हरी झंडी नहीं मिली आैर भविष्य में मंजूरी मिलने के आसार बहुत कम हैं। एमएसआरडीसी ने रन-वे की बात अब अपने दिमाग से निकाल ली है। 13 चरणों के काम के लिए जो टेंडर जारी हुए, उसमें रन-वे के बारे में कोई जिक्र नहीं है।

केवल दो ही जगह होंगे टोल नाके 
नागपुर-मुंबई समृद्धि एक्सप्रेस-वे का फासला 710 किमी है आैर जगह-जगह टोल देने की जरूरत नहीं पड़ेगी। टोल नाके केवल दो जगह होंगे। जितना सफर किया जाएगा, उस हिसाब से टोल लिया जाएगा। 120 किमी प्रति घंटे से ज्यादा की गति  से चार पहिया वाहन दौड़ाए जा सकेंगे। मार्ग शुरू होते व खत्म होते समय ही टोल देना होगा। 

प्रोजेक्ट की विशेषता 
300 अंडरपास बनाए जाएंगे राहगीर व पशुआें के लिए
400 अंडरपास (वाहनों के लिए)
50 फ्लाई आेवर बनाए जाएंगे
8 लेन-वे (120 मीटर चौड़ा मार्ग) 
पूरे मार्ग में वाईफाई सेवा उपलब्ध 

जल्द पूरी होगी काम की प्रक्रिया
मार्च अंत तक टेंडर भरे जाएंगे। उसके बाद स्क्रूटिनी होगी। अप्रैल अंत तक सिक्योरिटी जमा कराई जा सकती है। मई में काम अलाट हो सकता है। इसके बाद भूमिपूजन हो सकता है। भूमिपूजन कब करना है, यह सरकार तय करेगी, इसलिए इस बारे में अभी कुछ बोलना ठीक नहीं है। भूमिपूजन की तारीख तय होने के पूर्व  कई प्रक्रियाएं पूरी करनी हैं। रन-वे के बारे में अभी कोई जानकारी नहीं है। नागपुर व वर्धा में जमीन अधिग्रहण की समस्या नहीं है। कुल 16 चरण है आैर 13 चरणों के लिए टेेंडर जारी हुए हैं। कुछ चरणों में मई अंत तक काम शुरू हो सकता है। 
- संगीता जैस्वाल, अधीक्षक अभियंता एमएसआरडीसी, नागपुर 
 

Created On :   13 March 2018 1:17 PM IST

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