'सुनील यावलीकर के चित्रों में दिखाई देता है बचपन'

Childhood is visible in Sunil Yavlikars paintings
'सुनील यावलीकर के चित्रों में दिखाई देता है बचपन'
चित्रों की प्रदर्शनी   'सुनील यावलीकर के चित्रों में दिखाई देता है बचपन'

डिजिटल डेस्क, मुंबई । बचपन के दिनों में पहुंचाने वाली सुनील यावलीकर की पेंटिंग मासूमियत का आनंद देती हैं। इनके चित्रों में हमारा खोया हुआ बचपन, ग्रामीण मिट्टी, अतीत बन चुके खेल दिखाई देते हैं जो हमें बचपन की मिठी याद दिलाते हैं । यह बात सुप्रसिद्ध कैलीग्राफर अच्युत पालव ने कही। वे मुंबई के जहांगीर आर्ट गैलरी में अमरावती के लेखक, कवि और चित्रकार सुनील यावलीकर की पेंटिंग्स की प्रदर्शनी "री-एक्सप्लोरिंग चाइल्डहुड" के उद्घाटन के मौके पर बोल रहे थे। इस मौके पर राज्य की महिला व बाल कल्याण मंत्री यशोमति ठाकुर व संत गाडगे बाबा के सहयोगी भौरवजी काले भी मौजूद थे। प्रदर्शनी का उद्घाटन पौधों को पानी देकर किया गया।

यशोमती ठाकुर ने कहा कि सुनील यावलीकर की पेंटिंग ने हमें अपने खोए हुए बचपन को फिर से अनुभव करने का मौका दिया। इस अवसर पर श्रीधर अंभोरे, अरविंद पाटकर, अविनाश कोल्हे, गणेश पुराणिक, अनिल त्रिवेदी, नितिन वरखेड़कर सहित कई वरिष्ठ चित्रकार मौजूद थे। कार्यक्रम का संचालन अमोल पाटिल ने किया और सचिन परब ने धन्यवाद दिया। इस प्रदर्शनी 28 मार्च तक सुबह 11 बजे से शाम 7 बजे तक मुंबई के जहांगीर आर्ट गैलरी में देखा जा सकता है। 
 

Created On :   23 March 2022 7:40 PM IST

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