जिले की 14वीं तहसील बनेगा छिंदवाड़ा नगर सोमवार को हुई केबिनेट की बैठक में हुआ निर्णय

Chindwara town will be formed in the district as 14th tehsil
 जिले की 14वीं तहसील बनेगा छिंदवाड़ा नगर सोमवार को हुई केबिनेट की बैठक में हुआ निर्णय
 जिले की 14वीं तहसील बनेगा छिंदवाड़ा नगर सोमवार को हुई केबिनेट की बैठक में हुआ निर्णय

डिजिटल डेस्क, छिंदवाड़ा। जिले में 14वीं तहसील के रूप में छिंदवाड़ा नगर का गठन किया जाएगा। नगर निगम क्षेत्र के 48 वार्डों को जोड़कर नई तहसील बनाई जाएगी। सोमवार को हुई केबिनेट की बैठक में प्रदेश की 39 नई तहसीलों के गठन को हरी झंडी दी गई है। इसमें छिंदवाड़ा नगर का नाम शामिल है। जिले में हार्टिकल्चर कॉलेज के खोले जाने की घोषणा के साथ-साथ छिंदवाड़ा नगर को तहसील का दर्जा भी दिया गया है। अभी जिले में 13 तहसीलें है। 14वीं तहसील का दर्जा छिंदवाड़ा नगर को मिलेगा। इस नई तहसील में नगर निगम क्षेत्र के 48 वार्डों को शामिल किया जाएगा। जिसमें अलग से तहसीलदार की नियुक्ति होगी। अतिरिक्त स्टॉफ के साथ-साथ अलग कार्यालय का निर्माण भी किया जाएगा। प्रशासनिक स्तर पर इसके गठन की प्रक्रिया महीनों पहले ही शुरु हो गई थी। प्रशासनिक अधिकारियों ने कागजी खानापूर्ति पूरी करते हुए शासन को प्रस्ताव पहुंचा दिया था। अब केबिनेट की मंजूरी के बाद अंतिम प्रकाशन की प्रक्रिया पूरी होगी।
 

27 रेत खदानों का होगा सीमांकन
 जिले की 27 रेत खदानों का फिर से सीमांकन किया जाएगा। 1 अक्टूबर से रेत खनन पर रोक लगने के बाद अधिकारियों ने किस खदान में कितनी रेत उपलब्ध है, इसका आंकलन करने के निर्देश दिए हैं। खनिज निरीक्षकों के माध्यम से ये आंकलन रिपोर्ट तैयार की जाएगी। एनजीटी के आदेश पर दो महीनों से रेत खनन पर पूरी तरह से रोक लगी हुई थी। जिले में रेत की 27 खदानें है जो निजी ठेकेदारों के अलावा पंचायत के माध्यम से संचालित की जाती है। बारिश के बाद अब इन खदानों में कितना रेत का भंडार भरा पड़ा है। इसकी रिपोर्ट बनाने के आदेश राज्य शासन से अधिकारियों को प्राप्त हुए हैं। जिसके लिए जिले की हर खदान का सर्वे कर सीमांकन रिपोर्ट के आधार पर रेत की उपलब्धता की रिपोर्ट तैयार की जानी है। जिले में सबसे ज्यादा रेत खदानें सौंसर विकासखंड में हैं। जहां की रिपोर्ट पर ही सबकी नजरें टिकी हुई है। दरअसल, यहां से लगातार शिकायतें आ रही थी। प्रतिबंध का कोई असर इस क्षेत्र में संचालित खदानों पर नहीं हुआ। प्रतिबंध के बाबजूद यहां से बराबर रेत निकाली जा रही थी।

Created On :   3 Oct 2018 7:53 AM GMT

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