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दो साल पहले हुए आत्महत्या मामले की जांच सीआईडी के हवाले,- वरिष्ठ पत्रकार अर्णब गोस्वामी हैं आरोपी
डिजिटल डेस्क, मुंबई। दो साल पुराने इंटीरियर डिज़ाइनर की आत्महत्या के मामले की जांच क्रिमिनल इन्वेस्टिगेशन डिपार्टमेंट (सीआईडी) को सौंप दिया गया है। गृहमंत्री अनिल देशमुख ने सीआईडी को मामले की दोबारा जांच करने को कहा है। देशमुख के मुताबिक मृतक की बेटी आज्ञा नाईक की मांग के आधार पर जांच के आदेश दिए गए हैं। मामले में रिपब्लिक टीवी के मालिक और पत्रकार अर्णब गोस्वामी भी आरोपी हैं। देशमुख ने कहा कि आज्ञा ने अपनी शिकायत में कहा था कि गोस्वामी ने रिपब्लिक टीवी का स्टूडियो बनाने वाले उसके पिता को पैसे नही चुकाए जिससे परेशान होकर उसके पिता और दादी ने साल 2018 में आत्महत्या कर ली थी। उनका यह भी दावा था कि अलीबाग पुलिस ने मामले की ठीक से जांच नहीं की। देशमुख के मुताबिक राज्य के पुलिस महानिदेशक और सीआईडी को मामले की फिर से जांच के लिए आदेश दे दिए गए हैं।
क्या है मामला
इंटीरियर डिजाइनर अन्वय नाईक ने मई 2018 में अपनी 73 वर्षीय मां कुमुद के साथ आत्महत्या कर ली थी। आत्महत्या से पहले नाइक ने एक सुसाइड नोट लिखा था जिसमें उन्होंने दावा किया था की अर्णव गोस्वामी और दो अन्य लोगों के यहां उन्होंने काम किया है जिसके कुल 5 करोड़ 40 लाख रुपए बकाया है। पैसे न मिलने से परेशान होकर वे आत्महत्या कर रहे हैं। परिवार की शिकायत के आधार पर अलीबाग पुलिस ने मामले में गोस्वामी समेत तीन आरोपियों के खिलाफ आत्महत्या के लिए उकसाने का मामला दर्ज किया था। लेकिन पुलिस का दावा है कि मामले की छानबीन के बाद आरोपियों के खिलाफ कोई सबूत नहीं मिले और अदालत में इसकी रिपोर्ट दे दी गई है। कुछ दिनों पहले अन्वय की पत्नी अक्षता ने भी मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे से न्याय की गुहार लगाते हुए मामले की दोबारा जांच की मांग की थी । वहीं महाराष्ट्र कांग्रेस के कुछ नेताओं ने भी दोबारा जांच की मांग का समर्थन करते हुए दावा किया था कि तत्कालीन भाजपा सरकार ने अर्णब को बचाया था।
Created On :   27 May 2020 11:00 AM GMT