अमानक निकली सिप्रोफ्लोक्सासिन-टिनिडाजोल टैबलेट, शासकीय प्रयोगशाला में टेस्टिंग के बाद खुलासा

Ciprofloxacin-tinidazole tablet released by non-standard in satna
अमानक निकली सिप्रोफ्लोक्सासिन-टिनिडाजोल टैबलेट, शासकीय प्रयोगशाला में टेस्टिंग के बाद खुलासा
अमानक निकली सिप्रोफ्लोक्सासिन-टिनिडाजोल टैबलेट, शासकीय प्रयोगशाला में टेस्टिंग के बाद खुलासा


डिजिटल डेस्क, सतना। स्वास्थ्य विभाग के दवा स्टोर में मप्रपहेस. कार्पोरेशन लिमिटेड द्वारा सप्लाई  की गई एंटी डायरियल सिप्रोफ्लोक्सासिन-टिनिडाजोल टैबलेट अमानक पाई गई है।  इसका खुलासा MPFDI लैब (स्वास्थ्य विभाग की शासकीय प्रयोगशाला) में परीक्षण के दौरान हुआ है। प्रयोगशाला की रिपोर्ट के मुताबिक सिप्रोफ्लोक्सासिन-टिनिडाजोल टैबलेट में शेड्यूल एच की वार्निग के स्थान पर शेड्यूल एच-1 की वार्निंग लिखी गई है। जिसके बाद मुख्य महाप्रबंधक पब्लिक हेल्थ सर्विसेस ने दवा को अनामक घोषित कर सप्लाई वापस लेने के निर्देश दिए हैं। बड़ी बात तो यह है कि सतना जिले में अक्टूबर 2017 में 25 हजार सिप्रोफ्लोक्सासिन-टिनिडाजोल टैबलेट सप्लाई की गईं थीं। सीएमएचओ कार्यालय स्थित दवा स्टोर से डिमांड के आधार पर टैबलेट सामुदायिक, प्राथमिक एवं उपस्वास्थ्य केन्द्रों में सप्लाई भी कर दी गईं थीं। चिकित्सकों के मुताबिक यह टैबलेट दस्त पीडि़त पेसेंटों को दी जाती है।

खप गर्ईं 22 हजार गोलियां
सीएचसी, पीएचसी एवं सबहेल्थ सेंटरों में सप्लाई के बाद डॉक्टरों ने मरीजों की परेशानियों को देखते हुए दवाइयां बांट भी दी। सूत्र बताते हैं कि जब तक प्रयोगशाला से रिपोर्ट आई, जिले भर की अस्पतालों को मिलाकर लगभग 22 हजार टैबलेट वितरित की जा चुकी हैं। अनामक टैबलेट के नुकसान के संबंध में डॉक्टर बताते हैं कि इन दवाइयों से मरीजों को नुकसान नहीं है लेकिन फायदा भी नहीं मिलता।

वापस करने अस्पतालों को लिखा पत्र
MPFDI प्रयोगशाला की रिपोर्ट अमानक आने के बाद जिला मुख्यालय से सभी सामुदायिक, प्राथमिक और सबहेल्थ सेंटर प्रभारियों को पत्र लिखकर सिप्रोफ्लोक्सासिन-टिनिडाजोल टैबलेट मरीजों को देने पर प्रतिबंध लगाया गया है। साथ ही संबंधित अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि अस्तपालों में बचे टैबलेट के स्टॉक को अविलंब जिला मुख्यालय के स्टोर में भेजें।

रिप्लेस होगी या फिर डिस्ट्रॉय
अमानक टैबलेट का जिले भर की अस्पतालों से कलेक्शन होने के बाद रिप्लेश कराने के निर्देश दिए गए हैं। बताया गया है कि अगर संबंधित कंपनी दवाइयों का स्टॉक वापस नहीं लेगी तो स्वास्थ्य विभाग द्वारा बचे स्टॉक को डिस्ट्रॉय कराया जाएगा। सीएमएचओ कार्यालय से पत्र लिखे जाने के बाद अस्पतालों में बची दवाइयों को वासप करने का कार्य प्रारंभ कर दिया गया है। 

इनका कहना है -
लैब से 15 दिन में रिपोर्ट आ जाती है, अगर टैबलेट अमानक पाई गई है तो दवा सप्लाई करने वाली कंपनी का पेमेंट रोका जाएगा, अगर पेमेेंट हो गया है तो वसूली होगी। 
डॉ. अशोक अवधिया, सीएमएचओ

Created On :   20 July 2018 2:14 PM IST

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